आखिर किसी SEO Of Business Website के लिए और किसी blog के लिए SEO करने में क्या difference होता है। यह सवाल काफी लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। 95% लोगों को SEO सीखने के लिए interview पर पधारे हुए income tax department के highest donors के course लेने पड़ते हैं या फिर किसी digital marketing institute में पैसा चुकाना पड़ता है. जिसमें खुद ट्रेनर कूद interview की मंडली से सिख कर आता है।

उन्हें SEO के नाम पर वही 11/12 modules देखने को मिलते हैं जिनमें SEO basics के नाम पर खुदका introduction होता है। Advance SEO के नाम पर spamming होती है और फिर blogging और affiliate की खिचड़ी होती है। ये कुछ वैसा ही है जैसे कोई डेंटिस्ट बनने जा रहा हो और उसे प्लंबर और टेक्निशियन की ट्रेनिंग एडवांस में free साथ में दे दी जाए। आपकी भी गलती नहीं है और कोई option नहीं हैं. जब आप जब executive की job कर रहे हैं या खुद clients को approach कर रहे हैं. As a freelancer आपको SEO Of Business Website पर ही काम करना होता है जो आपके लिए मुश्किल हो जाता है.

क्योंकि blogs के लिए SEO और SEO Of Business Website काफी अलग है। आज देखते हैं कि SEO Of Business Website के कुछ खास पहलू क्या होते हैं ताकि आप अपने clients की websites को चमका सकें। SEO को एक मिनट के लिए भूल जाएं और सोचिए कि एक business website को जो traffic मिलता है या मिलेगा उसके क्या major parts होते हैं? 3 parts होते है.

1. Organic Traffic:

इसमें वो लोग आएंगे जो अभी आपके बिजनेस के बारे में नहीं जानते हैं लेकिन आप search engine optimization करके अपनी website को सर्च पेज में सही query के लिए लाएंगे और फिर वो लोग आपकी वेबसाइट पर क्लिक करेंगे और आपकी website के traffic का part बनेंगे.

2. Direct Traffic:

इसमें वो लोग आएंगे जो एक बार आपकी वेबसाइट पर आ चुके हैं या आपके कस्टमर हैं जो आपके बिजनेस के बारे में जानते हैं और वो directly आपके बिजनेस के नाम को सर्च कर रहे है या website URL type करके विजिट करेंगे।

3. Social Traffic:

इसमें हम social media या referral से आने वाले traffic count करेंगे। यदि आपके clients आपके business के बारे में अपनी social media profile पर बात कर रहे हैं link share कर रहे हैं WhatsApp पर आपकी cycling share कर रहे हैं. आपकी अपनी social media team के efforts से आपको social media से traffic मिलता है.

एक ideal situation है आपकी business website को इन तीनों sources से बराबर ट्रैफिक मिलना चाहिए। एक SEO का काम सिर्फ organic traffic पर limited नहीं है बल्कि इन दोनों में भी है। कई बार आप एक argument सुनते होंगे कि अब SEO से कहां search results मिलते हैं ads कर करनि जाइए। जो भी argument करता है वो अगर proof कर देता है SEO की उसे कितनी समझ है?

4. Backlinks:

SEO काम सिर्फ और सिर्फ backlinks बनाना नहीं है। आपको पूरी SEO Of Business Website को देखना होता है। उसे यूजर के लिए optimize करना है और search engine के लिए भी optimize करना है और organic traffic आपकी जिम्मेदारी हेही। जब direct traffic आपकी website पर आता है तो क्या वो वेबसाइट को सही से यूज कर पा रहा है या उसे required information तुरंत मिल रही है।

ये भी देखना आपका काम है वरना जो एक खुश कस्टमर के तौर पर आया था वो गुनगुनाते हुए निकल जाए आपकी वेबसाइट से। Social media traffic के साथ भी है आपको देखना होता है कि आपकी वेबसाइट के text proper हैं images बड़े साइज में हैं ताकि जब आपकी वेबसाइट के लिंक को कोई share करे तो बड़ी सी preview image दिखाई दे और सही title और सही description दिखाई दे। कहने का मतलब है कि अगर as SEO आप सिर्फ website को rank करने पर focus कर रहे हैं तो आप 1/3 part पर ही focus कर रहे हैं।

5. Difference Between Direct & Social Media Traffic:

SEO Of Business Website में आखिर ये इन दोनों पॉइंट्स पर फोकस करने की जरूरत ही क्या है। वहीं अगर हम सिर्फ organic पर ही focus करें और इनसे 100% जनरेट कर लें तो. Direct traffic आपकी branding improve करता है और social media traffic आपके brand की popularity को दिखाता है। अगर आप sale कर रहे हैं तो brand भी डेवलप होना चाहिए और अगर ब्रैंड बना रहे हैं तो उसकी अच्छी इमेज जो वो पॉपुलर हो। अगर आप इस direct branded traffic और popular social media traffic पर बिल्कुल ध्यान नहीं देंगे तो आप काफी सारे loyal customer अपने popular traffic को मिस कर देंगे।

हर business man और marketer जानता है कि repeat customer income का सबसे अच्छा source होता है. एक loyal customer पांच नए customer से better है क्योंकि उसको कनवर्ट करने के लिए आपको कुछ खर्च नहीं करना होता है वो आपको इनकम दे रहा है और अपने सर्कल में तारीफ करके आपको free में traffic भी प्रोवाइड कर रहा है तो किसी बिजनेस के लिए SEO करते वक्त आपको इन तीनों पर ध्यान देना चाहिए। organic, direct और referral या social media traffic पर.

6. SEO Of Business Website is Journey:

Organic traffic बढ़ाने के लिए SEO Of Business Website जो standard practice है उसमें भी एक मेजर हैंडल या रोड ब्लॉक है जो काफी सारे SEO space करते हैं. हरकोई कहता है की rank के लिए आप के अच्छे कंटेंट लिखये अच्छे content लिकने से आपको backlink मिलेगी but ये content किस के बारे में लिखा जाए यह कोई नहीं बताता है यही एक बड़ी mistake हो जाती है। Business websites का purpose क्या होता है? किसी प्रॉडक्ट या सर्विस को sale करना और SEO इन प्रॉडक्ट या सर्विसेस को सेल करने के लिए कंटेंट प्लान कर रहे हैं. पर नहीं ये एक normal customer journey chart है।

किसी प्रॉडक्ट या सर्विस को purchase करने के पूरे टाइम में लगभग 50% time buyer interest phase में होता है। बाय के पास एक प्रॉब्लम पर उसे ये नहीं पता कि उसका solution क्या है? 30-35% time research phase में निकल जाता है। बायर को actively search करना है यह सॉल्यूशन चाहिए पर क्या चाहिए ये मुझे तक नहीं पता है.

SEO Of Business Website is Journey

लास्ट 15-20% time decide करने में चला जाता है की कहां से लेना है. अगर आप सारे keyword research, website automation और backlink creation को सिर्फ sale करने के लिए लगा रहे हैं सिर्फ बेचने के ऊपर कन्वर्जन के ऊपर अगर फोकस कर रहे हैं. तो आप actually में कस्टमर के पास सिर्फ 50-20% time है और उपरसे 80-85% time आप miss कर रहे हैं।

इस बात के chances ज्यादा हैं कि जो SEO Of Business Website कस्टमर के साथ stage 1 और stage 2 में होगी वही stage 3 में भी रहेगी। आपको mutual fund सही है वाले ads याद है? Reliance ने वो पूरा कैम्पेन बनवाकर चलवाया सिर्फ इस कॉन्सेप्ट पर। म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट करना क्यों सही है? क्या फायदा है? क्यों खराब मार्केट में भी आप अपना पैसा नहीं निकालना चाहिए। इस पूरे कैम्पेन में वो कहीं नहीं बता रहे हैं कि रिलायंस का म्यूचुअल फंड में पैसा लगाएं वो सिर्फ ऑडियंस को म्यूचुअल फंड्स के बारे में बता रहे हैं वो भी इस 15-20% से ऊपर के सेगमेंट को टारगेट कर रहे हैं।

7. Focus on Sale Oriented Keyword:

जब आप सिर्फ last part पर focus करते हैं तो आपके पास एक और प्रॉब्लम आ जाती है। ये last part है वो मजबूर कर रहे हैं कि आप sale oriented keyword को टारगेट करें और आपका कंटेंट सिर्फ सेल ओरिएंटेड हो जाता है। पर google आपसे informative content का डिमांड करता है तो आप अपनी डिजायर मार्केट तक कभी पहुंच पाते हैं। इसलिए आपको इन दोनों स्टेज पर फोकस करना है।

एक बड़ा simple example लेते हैं मान लीजिए कि आप एक लोकल इलेक्ट्रॉनिक शॉप के लिए SEO कर रहे हैं या किसी ऐसी वेबसाइट की SEO कर रहे हैं जो फ्रिज एसी वगैरह बेचती है। तो अगर 10 रेफ्रिजरेटर या 6 रेफ्रिजरेटर कीवर्ड को टारगेट करेंगे तो वो सिर्फ इस लास्ट 15-20% तक ही पहुंचेगा। कोई भी पर्सन फ्रिज की शॉप या वेबसाइट search करने से पहले अपने घर की छोटी मोटी प्रॉब्लम के बारे में भी सर्च करेगा like how to keep fridge working या how to solve (xyz) problem of fridge जैसे टॉपिक्स भी इस फर्स्ट स्टेज के useful रहेंगे।

8. Research State:

रिसर्च स्टेज में जब वही पर्सन अलग अलग फ्रिज के मॉडल्स को देख रहा है तो फ्रिज बायर्स गाइड जैसे पेजेस उसकी हेल्प करेंगे। single door vs double door या smart fridge buying guide जैसे content आपको सेकंड स्टेज में ट्रैफिक पूल करने में हेल्प करेंगे और इन दोनों स्टेज में अगर आप किसी भी viewer के सामने उसके search result में बार बार आएंगे तो फाइनल परचेज के लिए जो keywords है आपके वोही rank करेंगे।

यहां आपको एक फाइनल मिस्टेक करने से बचना है। आपको कंटेंट बनाने के बाद उसे ब्लॉग में नहीं पोस्ट करना है। ब्लॉग और बिजनेस वेबसाइट में डिफरेंस होता है ब्लॉग पोस्ट नहीं page बनाने है और इन pages को आपस में सही से लिंक करने है। आपको अपना 80% कंटेंट यूजर keyword पर फोकस करना है और 20% content पर फोकस करना है।

गूगल को वो कंटेंट चाहिए जो यूजर की नीड को fulfil करता हो। वो कंटेंट नहीं चाहिए जो आपको sale दिलाता हो. अगर आप यूजर की नीड को आइडेंटिफाई करके उसे फुल फील करेंगे तो आपको rank भी मिलेगी traffic मिलेगा और competition face नहीं करना पड़ेगा क्योंकि सबसे ज्यादा लोग focus कहा कर रहे है? इस 15 -20% पर. तो इन टिप्स को फॉलो करके अपना traffic बढ़ाइए और balance भी रखे।