जहां इंटरनेट की बात होगी, वहां पर Hotspot का जिक्र भी आ ही जाएगा। क्योंकि हर दिन मिलियन्स लोग पब्लिक हॉटस्पॉट से कनेक्ट करके इंटरनेट डेटा का यूज करते हैं और आज हॉट स्पॉट पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का और हमारे इंटरनेट एक्सपीरियंस का इसेंशियल पार्ट बन चुका है और आप भी इन हॉट स्पॉट के जरिए अपने दोस्तों और फैमिली मेम्बर्स के साथ डेटा शेयर करते रहते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं करते हैं या आप नहीं जानते हैं कि what is Hotspot? How Hotspot works? क्या इसके डिफरेंट टाइप्स भी होते हैं तो हॉट स्पॉट को लेकर कैसे कई सारे सवाल आप के मन में भी होंगे, जिनके जवाब पाने के लिए आपको ये article पढना होगा। क्योंकि इस article में हम आपको हॉट स्पॉट से जुड़ी सारी जरूरी जानकारियां देने वाली हैं तो इस article को बिल्कुल लास्ट तक जरूर पढना। सबसे पहले जानते हैं कि हॉट स्पॉट क्या होता है?

1. What is Hotspot?
हॉट स्पॉट एक एसी स्पेसिफिक लोकेशन होती है जो वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क यानी की (WLAN) के जरिए इंटरनेट एक्सेस प्रोवाइड कराती है और इसके जरिए यूजर्स अपने स्मार्टफोन और टैबलेट को इंटरनेट से बिना वायर के कनेक्ट कर सकते हैं। यानी हॉट स्पॉट Wi-Fi का use करके वायलेस डिवाइसेस को इंटरनेट प्रोवाइड कराता है। हॉट स्पॉट प्राइवेट लोकेशन में भी हो सकते हैं और पब्लिक लोकेशन में भी जेसे एयरपोर्ट, काफी शॉप्स, होटल्स, हॉस्पिटल्स, लाइब्रेरी, सुपर मार्केट जैसी लोकेशंस पर कई बार हॉट स्पॉट और वाई फाई के बीच डिफरेंस समझ में नहीं आता है। इसलिए आज इसे भी हम जान लेते हैं।
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2. What is Wi-Fi?
वाई फाई वो technique के जो आपके स्मार्ट फोन या कंप्यूटर को वायलेस कनेक्शन के थ्रू इंटरनेट एक्सेस अलाउ करती है। ये आपके एनेबल्ड डिवाइस और (WAP) यानी की wireless access point के बीच डेटा send और रिसीव करने के लिए रेडियो सिग्नल्स का यूज करती है। वाई फाई वायरलेस कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी है जो (LAN) यानी लोकल एरिया नेटवर्क्स के लिए यूज होती है। जबकि हॉट स्पॉट वाई फाई का यूज करके वायलेस डिवाइसेस को इंटरनेट प्रोवाइड कराता है।
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3. What is Mobile Hotspot?
मोबाइल हॉट स्पॉट को पोर्टेबल हॉट स्पॉट भी कहा जाता है और आप अपने लैपटॉप को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए अपने स्मार्टफोन के डेटा कनेक्शन का यूज करके एक मोबाइल हॉटस्पॉट बना सकते हैं। इस प्रोसेस को Tethering कहा जाता है। इस डिवाइस से सेलुलर नेटवर्क जैसी 4G, 5G network से कनेक्ट होती हैं और जो डिवाइसेस सेल्युलर नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकती है, वो वाई फाई का यूज करके मोबाइल हॉटस्पॉट से कनेक्ट हो सकती है।
मोबाइल हॉटस्पॉट आपकी डिवाइसेस और आपके सेलुलर नेटवर्क के बीच ब्रिज का काम करती है। चलिए जानते हैं हॉटस्पॉट के दो टाइप्स पहला है फ्री वाई फाई हॉटस्पॉट दूसरा है कमर्शल हॉटस्पॉट। फ्री वाई फाई हॉटस्पॉट सभी यूजर्स को एक ही नेटवर्क से इंटरनेट का यूज करने की परमिशन देता है और कमर्शल हॉटस्पॉट में वायलेस कवरेज के लिए फीस देनी होती है। जो कमर्शल हॉटस्पॉट से कनेक्ट किया जाता है तो यूज़र को लॉगइन इन्फॉर्मेशन या पेमेंट डीटेल्स की रिक्वेस्ट करने वाली स्क्रीन पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है, लेकिन वैसा हॉटस्पॉट चाहते हैं जो हर लोकेशन पर अवेलेबल हो उसके लिए आप पोर्टेबल वाई फाई हॉटस्पॉट का यूज कर सकते हैं।

इस डिवाइस के अंदर एक मोबाइल राउटर होता है और डिवाइस में कोई एडिशनल सॉफ्टवेयर डाउनलोड किए बिना एक साथ कई डिवाइस कनेक्ट करने के लिए इसका यूज किया जा सकता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या हॉटस्पॉट सिक्योर होते हैं। इसका जवाब हां भी है और ना भी क्योंकि हॉटस्पॉट के सिक्योरिटी को इंश्योर किए बिना अगर इसका यूज किया जाए तो आपकी work life और पर्सनल लाइफ unknown person के चंगुल में फंस सकती है और आपकी आइडेंटिटी चोरी भी हो सकती है।
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एक unsecured Wi-Fi कनेक्शन के जरिए unwanted files डिस्ट्रिब्यूट करना unknown person के लिए बहुत ही आसान होता है। इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी हो जाता है। तभी तो पब्लिक वाई फाई हॉटस्पॉट का यूज करते टाइम अपने स्मार्ट फोन या लैपटॉप को केवल रेपुटेशन प्रोवाइडर से ही कनेक्ट करें और पब्लिक वाई फाई यूज करते टाइम आपको इन सारी बातों का ध्यान जरूर से रखना है।
- पब्लिक नेटवर्क में आने से पहले ही डिवाइस का ब्लूटूथ ऑफ कर दीजिए।
- अपने डिवाइस पर फाइल शेयरिंग स्विच ऑफ कर दीजिए।
- डिवाइस पर फायरवॉल एनेबल करिए।
- वाई फाई ओटो करेक्टर सेटिंग्स को ऑफ कर दीजिए।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको सिक्योर हॉटस्पॉट फैसिलिटी मिल सकती है और अगर पब्लिक वाई फाई हॉटस्पॉट को लेकर के सिक्योरिटी कंसर्न रखते हैं तो आपको VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क क्रिएट करना चाहिए, जिसमें एक एन्क्रिप्टेड कनेक्शन के थ्रू इंटरनेट का यूज कर सकेंगे। इससे unknown person का रिस्क तो बहुत ही कम हो जाएगा, लेकिन इंटरनेट एक्सेस की स्पीड स्लो ज़रूर हो जाएगी।
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क्योंकि आपके ट्रांसमिटर डेटा को एनक्रिप्ट और डिस्क्रीट करने के लिए प्रोसेसिंग पावर की जरूरत पड़ेगी, जिससे स्पीड स्लो हो जाएगी। इसलिए VPN use करने से पहले स्पीड के बारे में भी सोच लीजिएगा। वैसे कुछ भी free में मिलता है तो ये सोचना जरूर चाहिए कि इसकी वजह क्या है और ऐसा ही कुछ free hotspot पर भी लागू होता है कि ये फ्री फैसिलिटी क्यों दी जाती है। आइये जानते है
4. Why is Free Hotspot?

बिजनेस को फ्री वाई फाई या पब्लिक वाई फाई ऑफर देने से ज्यादा कस्टमर्स मिलने लगते हैं और सेल्स भी बढ़ जाती है और फ्री वाई फाई ऑफर करने से government को profit होता है कि जिस सिटी में वाई फाई प्रोवाइड किया जाता है। उस सिटी में
- इकोनॉमिक डवलपमेंट
- जॉब क्रिएशन
- रेवेन्यू जेनरेशन
इनक्रीज होने के चांसेज बढ़ जाते हैं और सिटीजंस को होने वाले फायदे ये होती है कि रिमोट लोकेशन से काम करने वाले सिटीजंस आसानी से अपना वर्क कंप्लीट कर पाते हैं। Low income family बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स के लिए online learning करना पॉसिबल हो पाता है और ऐसी जगह पर आने वाले टूरिस्ट की संख्या भी काफी इनक्रीस होती है तो इतने सारे बेनिफिट देने वाले पब्लिक वाई फाई के डिसएडवांटेज की अगर हम बात करें।
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5. Disadvantage of Public Wi-Fi:
- इसमें कोई रिलायबिलिटी नहीं होती है जो एक मीटर सिक्योरिटी इश्यू होता है
- लोअर स्पीड होती है और मेनटेनेंस इशूज भी होते हैं।
हॉटस्पॉट प्रोवाइडर से जानते हैं कि उनके क्लाइंट्स को quick सर्विस चाहिए होती है और इसके लिए वह सिक्योरिटी को सैक्रिफाइस भी कर सकते हैं। इसलिए पब्लिक वाई फाई यूज करते टाइम ऐसी कोई भी साइटों पर नहीं करें जिसे अब सिक्योर रखना चाहते हैं जिसे बैंकिंग साइट्स, मल्टीपल पासवर्ड और यूजर नेम का यूज करेगा ताकि कॉन्फिडेंशल इन्फॉर्मेशन सिक्योर रह सके। इसी तरह पोर्टेबल हॉट स्पॉट पर free loaders की वजह से सिक्योरिटी इशू हो सकता है तो What is Hotspot का सिक्योर पोर्टेबल डिवाइस का यूज करना चाहिए, जिसमें डेटा एन्क्रिप्शन के साथ प्रॉपर सिक्योरिटी मिल सके और unknown person के लिए उसतक पहुंच पाना आसान नहीं हो तो इस तरह आप अपने डेटा को सिक्योर रख सकते हैं। हॉटस्पॉट का सही तरह से यूज कर सकते हैं। आप कोई जानकारी कैसे लेगी कमेंट बॉक्स में ले करके जरूर बताइएगा आगे कोई आपका सवाल है तो प्लीज बताइएगा।
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