हम सभी के लाइफ में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो हमारा जीना मुश्किल कर देते हैं। जो सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं और हमें नीचा दिखाते हैं वो हो सकता है कि आपके boss हों आपके साथ काम करने वाले लोग आपके relatives या आपके कुछ दोस्त और जब भी आप ऐसे लोगों से डील करते हैं तो या तो हमारी लड़ाई हो जाती है या हम उन्हें कुछ कह नहीं पाते या फिर मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है। हमें समझ ही नहीं आता कि कैसे रिऐक्ट करें रिस्पॉन्स करें क्यों? क्योंकि या तो हमें खुद को या सामने वाले पर्सन को human behavior and nature का कोई idea नहीं होता।

लेकिन काफी intellectual और sociologist suggest करते हैं कि अगर हम human behavior and human nature को समझ जाते हैं तो हम एक बेहतर जिन्दगी जी पाते हैं। अच्छे relations develop कर पाते हैं और किसी भी situation को कैसे handle करना है ये हम बखूबी जानते हैं। तो चलिए दोस्तो आज हम आपके साथ Robert Greene की book The Laws of Human Nature से 12 ऐसे law share करेंगे जिनसे आप लोगों और ह्यूमन नेचर को अच्छे से समझ पाएंगे और उनसे अच्छे से डील कर पाएंगे।

Human Nature

1. The Law Of Irrationality:

बहुत से लोगों को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं होता कि उनके emotions कैसे उनके actions और उनके decisions को कंट्रोल करते हैं और उनकी यही Rational emotions उन्हें एक negative और unsuccessful इंसान बनाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों का अपने emotions पर control होता है वह सही decisions ले पाते हैं और बाकी लोगों से ज्यादा समझदार और successful बन पाते हैं। Rational emotions develop करने से आप अपने इमोशंस पर काबू पा सकते हैं।

आप ये पता लगा सकते हैं कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत। आपको कब क्या बोलना चाहिए क्या नहीं बोलना चाहिए और किसी बुरी situation में बड़े फेलियर में कैसे रिएक्ट करना चाहिए. Author कहते हैं सबसे पहले आप अपने इमोशंस पर पूरा कंट्रोल और analyze करना सीखना होगा तभी आप rationally सोच और behave कर पाएंगे। तब आप जिंदगी में उत्तेजित होकर गलत डिसिजन नहीं बल्कि रेशनल होंगे सही डिसीजन ले पाएंगे।

2. The Law of Narcissism:

Generally लोग आपस में कनेक्शन बनाने के लिए दूसरे के मोशन को समझने की कोशिश करते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ जो लोग narcissist होते हैं वो कभी अपने सामने वाले को समझने की कोशिश नहीं करते। वो बस ये चाहते हैं कि सामनेवाला उन्हें समझे या उनके अकॉर्डिंग करे। एक narcissist person वो होता है जो सिर्फ खुद को इम्पॉर्टेंस देता है और खुद के admiration में ही खोया रहता है।

लेकिन वहीं जब आप सामने वाले की बातों के साथ sympathy यानि की सहानुभूति रखते हैं। मतलब उनकी बातों को सुनकर आप समझ पाते हैं कि वो कैसा फील कर रहे हैं तो ऐसा करने से आप एक इमोशनली मैच्योर और एक लाख के पर्सन बनते हैं जिसके साथ बाकी लोग कंफर्टेबल फील करते हैं और healthy relationship built करते हैं जो आपकी लाइफ में help करता है।

3. The Law of Role-Playing:

ज्यादातर लोग जैसा असल में फील कर रहे होते हैं वो कभी अपने ऐक्शन से वैसा नहीं शो करते कोई मास्क पहन के रखते हैं जिसमें उनकी असलियत छुपी रहती है और वो अपनी वही साइड दिखा रहे होते हैं जिसमें वो ज्यादा अच्छे लगते हैं। अपने आपको ज्यादा confident, humble और kind दिखाते हैं जबकि अंदर से वैसे होते नहीं। लेकिन लोगों के साथ रियल कनेक्शन्स बनाने

के लिए हमें इस मास के अंदर के इंसान को जानना चाहिए। इससे हम सामनेवाले के बारे में भी कई सारी बातें समझ सकते हैं जो डायरेक्टली बोल कर नहीं कर रहे होते लेकिन अपनी body से hints दे रहे हैं. जिसे समझने के लिए हमें लोगों की body language notice करनी चाहिए। उनके facial expressions उनके आवाज में चेंज उनके hand gestures etc.

4. The Law of Covetousness:

लोगों को हमेशा उन्हीं चीजों का desire होता है जो उनके पास नहीं होती। हमारे ब्रेन को new experiences बहुत पसंद होते हैं। जो काम उसने पहले कभी नहीं किया होता उसे करने के लिए. New information लिए हमारा ब्रेन हमेशा बहुत curious रहता है लेकिन अगर उसे already को इन्फर्मेशन मिल जाती है और उसके आगे कुछ नया नहीं मिल पाता तो इतनी जल्दी बोर भी हो जाता है।

तो जब आप किसी के साथ हों तो अपने आपको पूरी तरह expose मत करो जिससे लोग आपके बारे में और जानने के लिए curious हो जाएंगे। लेकिन जब आप एक खुली किताब हो तो लोग आपको जल्दी से पूरा पढ़ने के बाद और होना शुरू हो जाते हैं और एक लिमिट के बाद आपके पास कुछ नई बातें या एक्सपीरियंस नहीं होंगे उन्हें देने के लिए। इसीलिए अपने आपको एक mysterious person की तरह रखो लोगों की सुनो बस अपनी बाते या सीक्रेट्स ज्यादा शेयर मत करो जिससे कि लोगों का curious mind आपके बारे में और जानना चाहेगा और आपकी तरफ attract होगा।

5. The Law of Shortsightedness:

ज्यादातर लोग अपनी आंखों से देखी हुई और अपने कानों से सुनी हुई बातों पर बहुत आसानी से भरोसा कर लेते हैं और present movement में बहुत ज्यादा ओवर रिएक्ट करने लगते हैं। बिना ये सोचे कि इसका असर उनके फ्यूचर पर पड़ सकता है। आपको उन लोगों से दूर रहना चाहिए जो अपने के actions के long term के बारे में नहीं सोचते जो हमेशा reactive mood में रहते हैं।

ऐसे लोग आपकी सारी एनर्जी खत्म कर देते हैं और आपको अपने long term vision से भटका देते हैं। इसलिए जब भी आप खुद को किसी प्रॉब्लम में पाएं तो सबसे पहले उस प्रॉब्लम से खुद को थोड़ा दूर कर लें और फिर उस प्रॉब्लम के बारे में सभी perspective से अच्छे से सोचें। किसी की भी बात को एकदम से accept / reject ना करें बल्कि patience रखें और problem के root में जाकर सॉल्यूशन निकालें।

6. The Law of Defensiveness:

जब भी आप किसी इनसान के views को challenge करते हों उन्हें चेंज करने की कोशिश करते हो तो वो अपना defensive nature adopt कर लेते हैं। किसी को भी ये पसंद नहीं होता कि कोई उनके ओपिनियन को चेंज करने की कोशिश करे। इसीलिए अगर आपको किसी इंसान का defensive nature change करना है तो सबसे पहले उसके लिए आपको उसके views की respect करनी चाहिए।

उसके बाद उसे agree करो जो उसे कंफर्टेबल फील करवाएगी और फिर उसके बाद अपने view share करो. उस पर्सन को चेंज करने की कोशिश करो अगर वो सही नहीं। बस आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपनी feelings अपने emotions को उसके ऊपर थोप ना दें क्योंकि आपके ऐसा करने से उस इंसान की defensiveness और बढ़ जाएगी और आप अपने टास्क में फेल हो जाएंगे।

7. The Law of Self Sabotage:

दुनिया को देखने और उसे समझने का हर इंसान का अपना अलग नजरिया होता है और हमारा attitude ये decide करता है कि हम कैसा फील करते हैं। अगर हमारा एक fretful attitude है तो हमें हर situation में नेगेटिव आउटकम से देखने को मिलेंगे। हम risk लेने से खुद को रोकेंगे और अपनी mistakes का ब्लेम दूसरों पर डालेंगे।जनरली ऐसे लोगों का माइंडसेट इतना नेगेटिव होता है कि वो अपने ही नेचर के वजह से अपने करियर और अपने रिलेशनशिप को बहुत आसानी से खो देते हैं।

लेकिन ह्यूमन एटीट्यूड बहुत फ्लेक्सिबल होता है। हम अपने एटीट्यूड को बदल सकते हैं अच्छे लोगों के साथ रहकर हम उनकी कही बातों को समझ कर अपने नेगेटिव एटीट्यूड को पॉजिटिव एटिट्यूड में बदल सकते हैं और अपने इस ऐटिट्यूड को चेंज करने की वजह से अपनी लाइफ को देखने के नजरिए को चेंज कर सकते हैं. पॉजिटिविटी को ट्रैक कर सकते हैं जिससे वही इंसान एक पॉजिटिव लाइफ जी सकता है।

8. The Law of Human Nature Envy:

इस कॉम्पिटिशन भरे वर्ल्ड में हम सब अपने आपको अपने आस पास के लोगों से हमेशा compare करते रहते है. हमेशा ये सोचते रहते हैं कि वो कौन कौन सी चीजें हैं जो उसके पास हैं और मेरे पास नहीं। अगर आप एक अच्छे माइंडसेट के साथ खुद को दूसरों से कंपेयर करते हैं तो आप अपने काम और अपने गोल में बहुत अच्छे से फोकस कर पाएंगे और हमेशा हर एरिया में सक्सेस अचीव कर पाएंगे।

लेकिन वही दूसरी तरफ जो लोग negative mindset के साथ comparison करते हैं वो हमेशा दूसरों की success से jealous feel करते हैं और उनकी अपनी frustration और fear की वजह से उन्हें हमेशा failed का सामना करना पड़ता है। अगर आप इस jealousy को खुद से दूर करना चाहते हैं तो अपना कॉम्पिटिशन खुद से करुणा की दुनिया से। जब आप अपने आपको खुद से कंपेयर करते हो तो आप खुद की identity बना पाते हो.

9. The Law of Aimlessness:

हर इंसान ज्यादातर केसेस में अपने conscious decision को सही समझता है। उसे लगता है कि जो फैसला वो ले रहा है वो सही है लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार जो फैसला आप लें वो आपके लिए सही साबित हो। किसी भी इंसान का डिसीजन गलत तब होता है जब उसके पास अपने फैसले को लेने के लिए कोई aim या कोई vision नहीं होता। उसे पता ही नहीं होता कि ये डिसीजन उसके लिए कितना इंपॉर्टेंट है।

उसकी लाइफ के पर्पस को फुल फिल करने में कैसे यह कर सकता है और फिर वो बिना सोचे समझे वो डिसीजन ले लेता है। इसलिए हमेशा आपको कोई भी डिसीजन लेने से पहले अपने purpose को समझना बहुत जरूरी है कि हमारी लाइफ में aim क्या है। वह चाहे फाइनैंशल फ्रीडम हो better health या कुछ भी। जब हम अपने पर्पस के बेसिस पर करते हैं तो हमें पता होता है कि हम किस राह से जा रहे हैं और हम अपने डिसीजन सही तरीके से लेना सीखते हैं।

10. The Law of Aggression:

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो ऊपर से हमेशा हंसते रहते हैं। अपने आसपास के लोगों से सही से बात करते हैं लेकिन अंदर ही अंदर वो बहुत ज्यादा फ्रस्टेशन होते हैं और किसी को शो नहीं करते। पर जिस दिन उनके फ्रस्टेशन का पानी हद से ज्यादा बढ़ जाता है उस दिन वो अपने इमोशंस पर काबू नहीं कर पाते और बिना किसी रीजन के उनके फ्रस्टेशन लोगों के सामने अग्रेशन बनकर बाहर आ जाते हैं और कोई समझ नहीं पाता कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं।

इसलिए आपको अपने माइंड को कुछ इस तरह train करना चाहिए कि आप किसी इंसान के नॉर्मल नेचर के पीछे छुपे फ्रस्टेशन को आसानी से ऑब्जर्व कर सकें। जो लोग बहुत ज्यादा फ्रस्टेशन होते हैं वो नॉर्मली किसी से खुलकर बात नहीं कर पाते और उनका नेचर भी बहुत ज्यादा कंजर्वेटिव होता जाता है। ऐसे केसेस में आपको लोगों को इग्नोर नहीं करना चाहिए बल्कि आपको उनसे बातें करनी चाहिए जो उन्हें अच्छी लगे। जिन्हें सुनकर उसे खुशी या उम्मीद मिले.

11. The Law of Gender Rigidity:

हम सभी में masculine और feminine qualities होती हैं। कुछ क्वॉलिटी तो जेनेटिक होती हैं पर मिलिए हमारी upbringing से होती हैं जो हमारे नैचरल कैरेक्टर का पार्ट बनती हैं। बट लोग इन क्वॉलिटीज को छुपाते हैं जैसे आदमी अपने soft side को hurt कहते हैं अपने आप को एक tuff और hard nature का शो करते हैं। अपने इमोशंस को hide करते हैं वह विमेन अपने आपको हमेशा सॉफ्ट ने जगह रखती हैं।

अपने लिए स्टैंड लेना उन्हें अनकंफर्टेबल लगता है। वो अपने toughness को hide करती हैं। ऐसा सब केसेस में नहीं होता लेकिन मोहल्ले केसेस में होता है. Author male और female के मोस्ट कॉमन बिहेवियर को सालों स्टडी करने के बाद कह रहे हैं. आपको भी दूसरों के masculine और feminine दोनों क्वालिटीज को देखना चाहिए और उनके इस कैरेक्टर के साथ कनेक्ट करना चाहिए जिससे वो आपके साथ कंफर्टेबल फील करेंगे।

12. The Law of Grandiosity:

सभी humans deeply अपने आपको बहुत सुपीरियर समझते हैं। थोड़ी सी सक्सेस भी हमें ऐसा फील कराती हैं कि हम कितने बड़े हाई अचीवर हैं और बाकियों से कितने ऊपर हैं और हम जितना ज्यादा प्रोग्रेस करते जाते हैं हमारा सेल्फ ओपिनियन और बढ़ता जाता है और ये डेंजरस भी हो सकता है क्योंकि हम सब कॉन्शस लिए और कॉन्फिडेंट हो जाते हैं और भूल जाते हैं कि हमारी success में और भी कई लोगों की मेहनत

और न कभी बहुत बड़ा हाथ है। इसलिए हमें अपने आपको कभी भी रिऐलिटी से डिस्कनेक्ट नहीं करना चाहिए। अपने बारे में और अपनी लिमिट्स के बारे में रियलिस्टिक अप्रोच रखनी चाहिए। ऐसा नहीं होता कि जो आप चाहो वो कर सकते हो। ये बहुत ही अन्य अप्रोच है। हर इंसान की अपनी अपनी एक लिमिट होती है। आप बस अपनी लिमिट्स को पुश कर सकते हों और खुद को इम्प्रूव कर सकते हो तो फेलियर को दिल पर हावी मत होने दो और सक्सेस को दिमाग पर हावी मत होने दो।