आज इस article में हम आपको रशिया के गांव में सर्दियों की तूफानी बर्फबारी में कैसे जीवन जीते हैं? और Russian Village Work जीवन जीने के लिए मुख्य रूप से कौन कौन से कार्य करते हैं? जिससे वहां के लोग सर्दियों की बर्फीली रातें और ठंड से जमा देने वाले दिनों को काट सकें। रशिया में सर्दियां काफी लंबी होती हैं। यहां का औसतन तापमान -10 से -30 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। यहां सर्दियां जानलेवा और एक कड़ी चुनौती हैं।

राशन गांव के निवासी ठंड के मौसम में मछलियों पर काफी निर्भर रहते हैं। इसके दो मुख्य कारण हैं पहला मछलियों से ने बड़ी मात्रा में प्रोटीन की प्राप्ति होती है जो ठंड के मौसम में बॉडी के लिए ऊर्जा का काम करता है और बॉडी को गर्म रखता है। दूसरा रशिया की बर्फीली ठंड में खेतीबारी ना के बराबर होती है इसलिए यहां के किसान मछलियों को बाजार में बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं।

इतनी ठंड में मछलियों को पकड़ना एक बहुत कठिन काम है। यहां के ज्यादातर झीलें, तालाब और नदियां ठंड में बर्फ से जम जाती हैं। मछलियों को पकड़ने के लिए झीलों में सुराख किया जाता है और फिर मछलियां पकड़ने का काँटा डालकर घंटों बैठकर इंतजार किया जाता है। तब जाके कुछ मछलियां हाथ लगती हैं।

Russian Village Work

1. Farming: घास की खेती

Russia में सर्दियों में ज्यादा खेती बाड़ी नहीं हो सकती क्योंकि भारी बर्फबारी और कम तापमान खेती के लिए अनुकूल नहीं है। जिस कारण पशुपालन में काफी समस्याएं आती
हैं। सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारे पानी की व्यवस्था करने की होती है इसलिए यहां पर घास की खेती की जाती है सर्दियों में। Russian Village Work वैसे तो ये घास एक प्रकार की जंगली घास है लेकिन रसिया में इसे पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस घास की खेती की जाती है। गर्मी के महीने से ही इसकी खेती शुरू कर दी जाती है ताकि सर्दियां आते आते इसे काटा जा सके और पशुओं को खिलाया जा सके।

2. लकड़ियों को जमा करना:

Russian गांव के बेहद ठंडे तापमान में दिन गुजारना काफी कठिन होता है। इतनी ठंड में घर के अंदर तापमान गरम रखने के लिए निरंतर रूप से आग जलानी पड़ती है और इसके लिए चाहिए बहुत बड़ी मात्रा में लकड़ियों के ढेर। इसकी तैयारी यहां के गांववाले गर्मियों से ही कर लेते हैं। रशिया में जंगलों की कोई कमी नहीं है और न ही यहां पर पेड़ों की कोई कमी है इसलिए यहां के लोग जंगलों से पेड़ काटकर और उससे प्राप्त लकड़ियों को ठंड के मौसम के लिए जमा करते हैं।

Russian Village Work अपना काम कुद्लसे करना पसंद करते है। लकड़ी को छोटे छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और फिर इसे स्टोर कर लिया जाता है। इसका प्रयोग यहां पर गांववाले अपने घरों को गर्म रखने के लिए करते हैं। पशु घरों को भी इन्हीं लकड़ियों की सहायता से गरम रखा जाता है।

रशिया में बर्फबारी से गांव के रास्ते घरों के आंगन, घरों की छतें, सफेद चादर से ढक जाती हैं। यह बर्फ़बारी यहां के लोगों के लिए बहुत बड़ी आफत और मुसीबत है। यहां पर औसतन बर्फ़बारी 3 feet से 6 feet तक होती है इसलिए आगे लोग गांववाले आमतौर पर घरो और आँगन की बर्फ को हटाने का काम करते नजर आ जाते हैं। बर्फ हटाने का काम सप्ताह में दो या तीन बार तक करना पड़ता है और कभी कभार तो परते दिन में दो बार सुबह से शाम चालू रहता है। जब यहां पर बर्फीले तूफान और बर्फीला आँधी आती है यह काम अधिकांश रूप से पूरे रशिया के गांव में देखा जा सकता है।

3. Russian Village Work में पानी की समस्या:

अब बात करते हैं रशियन गांव में ठंड के मौसम में पानी की समस्या की क्योंकि सर्दियों में यहां पर पाइपों में पानी जम जाता है और पानी लाने के लिए जमीन के पानी या कुओं पर निर्भर रहना पड़ता है और यह काम काफी मेहनत और थका देने वाला काम है। इस काम को ज्यादातर रशियन महिलाएं करती नजर आती हैं। आशा करता हूं आपको रशिया के ग्रामीण जीवन और यहां के रोजमर्रा के कामों की जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको यह Russian Village Work article पसंद आये तो share करे और आपके पास कोई और जानकारी हो तो हमें comment में जरुर बताएं।