1. Introduction

खाने में स्वाद दो चीजों से आता है। एक बनाने वाले की वजह से और दूसरा मसालों से। जब बात हो Spice Manufacturing Business और इंडियन खाने की तो मसालों के बिना तो आप सोच भी नहीं सकते। जीरा, धनिया, हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर, काली मिर्च, लौंग, इलायची, जायफल, जावित्री, दालचीनी इंडिया में हर राज्य में अलग तरह के मसाले उगते और इस्तेमाल होते हैं। इसके अलावा भी अलग अलग सब्जियों और डिशेस के लिए चाट मसाला छोला मसाला पावभाजी मसाला सब्जी मसाला मीट मसाला जैसे बहुत सारे मसाले मार्केट में बिकते हैं।

अगर आप मसालों का कारोबार करना चाहते हैं और खुद को एक entrepreneur की तरह establish करना चाहते हैं तो आज के article को जरूर पढयेगा. कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले दिमाग में यही खयाल आता है कि क्या इसमें profit है? कहीं business capital डूब न जाए. तो सबसे पहले इंडिया में मसालों का बाजार देख लेते हैं कि ये कितना बड़ा है। प्राचीन काल में इंडिया का मसाला कारोबार Rome और china तक फैला हुआ था। Global market में इंडिया में मसालों की खुशबू टेक्स्चर और आयुर्वेदिक गुणों के लिए जाना जाता है।

1. Size of Spice Manufacturing Business:

मसालों के मामले में दुनिया भर में इंडिया का डोमेस्टिक मार्केट सबसे बड़ा है। इंडिया को home of spices इसीलिए कहा जाता है क्योंकि ISO यानी international organization for standardization की लिस्ट में जो 109 तरह के मसाले मौजूद है उनमे से 75 किस्म के मसाले इंडिया में उगाए जाते हैं। Financial year 2020 में इंडिया ने 3.62 billion dollars के मसालों का एक्सपोर्ट किया था। United States, चाइना, वियतनाम, हांगकांग, बांग्लादेश, थाईलैंड, यूके, यूएई, मलेशिया और श्रीलंका ये सब भारतीय मसालों के top 10 importers है.

Financial year 2019 में वैल्यू के हिसाब से इंडिया ने सबसे ज्यादा कारोबार चिली, मिंट प्रोडक्ट्स, spice oils, जीरा हल्दी काली मिर्च करी पाउडर एन पेस्ट इलायची के दाने इमली और लहसुन का किया था. स्पाइस मैन्युफैक्चरिंग के कारोबार में इसलिए भी स्कोप है क्यूंकि घरेलू जरूरतें पूरी करने के बाद भी इंडिया से लाखों टन मसाले एक्सपोर्ट होते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस बिजनेस को बिल्कुल शुरू से आप कैसे शुरू कर सकते हैं।

2. License & Business Registration:

यहां पर सबसे पहले जरूरी है लाइसेंस और बिजनेस रजिस्ट्रेशन को हासिल करना और इसके लिए आपका पहला स्टेप होगा registration in ROF अपने रजिस्ट्रेशन करवाकर एक one person company स्थापित करना। इसके बाद आपको ट्रेड लाइसेंस चाहिए जो आपको लोकल अथॉरिटी से मिल जाएगी उसके बाद आपको उद्योग आधार की जरूरत पड़ेगी। आधार कार्ड की ही तरह उद्योग आधार है। Aadhaar for business जो कि 12 डिजिट का नंबर होता है जिसे आप ministry of micro, small and medium enterprises, government of India में प्लान करके ले सकते हैं।

 Spice Manufacturing Business License & Business Registration

गूगल पे उद्योग आधार सर्च करेंगे तो आपको Udyam registration की वेबसाइट udyamregistration.gov.in दिखाई देगी जहां पर detail information आपको मिल जाएगी। इसके अलावा भी आप अपने बिजनेस के लिए MSME रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इससे यह फायदा होगा कि अगर सेंट्रल गवर्मेंट कोई सब्सिडी प्रोग्राम शुरू करती है तो आप उसके लिए अप्लाई कर पाएंगे। मसाले फूड आइटम्स में गिने जाते हैं तो आपको fssai यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से फूड लाइसेंस लेना होगा। कारोबार जम जाने के बाद अगर आप मसालों का एक्सपोर्ट इम्पोर्ट करना चाहेंगे तो इसके लिए IEC या import export code की जरूरत पड़ेगी।

3. Spice Manufacturing Business Other Requirement:

बिजनेस लाइसेंस के अलावा भी स्पाइस मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस सेटअप करने के लिए आपको raw materials, machinary और equipment के साथ साथ अपना बिजनेस प्लान भी बनाना होगा जिसे कंपनियां फैक्ट्री के लिए जगह चाहिए तो कम से कम 500 स्क्वेयर फीट का स्पेस आपको चाहिए ही जहां पर अब मसाला कूटने की मशीन, सुखाने की जगह raw materials रखने की जगह और पैकेजिंग का काम कर पाए।

4. Machines:

इनके बिना मसाले तैयार नहीं होंगे आपके बनाए हुए मसाले की क्वॉलिटी भी इस पर डिपेंड करेगी कि आपके मसाले कितने बारीक हैं। एक मसाला फैक्ट्री बनाने के लिए आपको कम से कम grinding machining, impact pulverizer, double stage pulverizer, hummermill, spike mill और सामान तोलने का साजो सामान चाहिए। इस सारी मशीनें 5 से 7 लाख रुपये के बीच में आ जाएंगी या इनकी प्रॉडक्शन कपैसिटी, क्वॉलिटी और फीचर्स के हिसाब से कीमत ज्यादा भी हो सकती है जिसे impact pulverizer की कीमत 1 लाख से 1.5 लाख रुपए की है। इसी तरह double stage pulverizer 2 – 2.5 लाख की आती है. इसके लिए आपको किसी अच्छे सप्लायर या कंपनी को ढूंढना होगा जिससे आप कम से कम कीमत पर मशीन ले पाएं.

5. Business Capital:

स्पाइस मैन्युफैक्चरिंग की बात करे तो बिजनेस कैपिटल पर भी आपको काम करना होगा। अगर आपके पास अपनी जगह अवेलेबल है तो रेंट या लीज का खर्चा आप बचा लेंगे। इसके बाद भी बिजनेस रजिस्ट्रेशन मशीन लेबर कॉस्ट इलेक्ट्रिसिटी पैकेजिंग लेबलिंग सेल्समेन मार्केटिंग, raw materials को मिलाकर की 10 से 15 लाख रुपये तक एक लार्ज स्केल का बिजनेस खड़ा करने में लग जाएंगे।

अगर आपके पास कैपिटल की कमी है तो आप बिजनेस लोन के लिए। कर सकते हैं। अगर गवर्मेंट से सब्सिडी मिल गई तो खर्चे आपकी थोड़े कम हो जाएंगे। इसके बाद बारी आती है उस चीज की जिसके बिना मसालों का बिजनेस पॉसिबल ही नहीं है। वो खुद मसाले हैं यानी की raw materials इसके लिए आपको ही डिसाइड करना होगा कि आप अपने प्रॉडक्ट में क्या क्या रखेंगे। बेसिक मसाले जैसे जीरा धनिया मिर्ची हल्दी लौंग इलायची तेजपत्ता बड़ी इलायची काली मिर्च दाल चीनी वगैरह।

Business Capital

इनके अलावा करी पत्ता पाउडर अदरक लहसुन जायफल जावित्री केसर तेल केवड़ा अलसी कसूरी मेथी मेथी दाना हींग आमचूर अनारदाना ऐसे ढेर सारे नाम हैं जिन्हें आप अपने बिजनेस में जगह दे सकते हैं। ये आपकी कैपिटल और मैन पावर पर भी निर्भर करेगा कि इन्हें जब आप बेच पाएंगे तो मुनाफा तभी होगा। इसलिए शुरुआत के लिए उन मसालों को चुनिए जिनकी जरूरत हर दिन और हर किचन में बढ़ती है। इसके साथ ही आपको अच्छा सप्लायर ढूंढना पड़ेगा जो आपको अच्छी क्वॉलिटी के मसाले सही दाम पर दे।

वैसे तो हर राज्य में आपको मसालों के कारोबारी मिल जाएंगे जो आपको बल्क में होलसेल रेट पर मसाले सप्लाई करेंगे पर एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में आप जाना चाहते हैं तो वो दिल्ली में हैं। खड़ी बावली बाजार इस बार वहां पर जरूर से विजिट कीजिएगा। इसके अलावा हर स्टेट कैपिटल में भी मसालों का बाजार हैं। साउथ इंडिया की बात करें तो केरल में लगभग आपको हर तरह की अच्छी क्वॉलिटी वाले मसाले मिल जाएंगे जैसे इमली जायफल सौंठ दालचीनी सौंफ काली मिर्च, इलाइची और वनीला वगैरह.

Raw materials के आपकी फैक्ट्री में पहुँचने के बाद उन्हें तैयार करने का भी लंबा प्रोसेस है जैसे कि क्लीनिंग मसालों की क्वॉलिटी सही रखने के लिए उनकी सफाई बहुत जरूरी है ताकि आपके मसाले तैयार होने पर साफ और फ्रेश दिखे साथ ही उनकी की खुशबू भी निखरकर आए।

6. Drying:

मसालों को सुखाना भी एक इम्पॉर्टेंट प्रोसेस है ताकि उन्हें पीसते वक्त उनका सही से पाउडर बने और मसालों का फ्लो बना रहे। इसके बाद shorting यानी की कुछ मसाले ऐसे होते हैं जो साबुत ही बिकते हैं जैसे कि लौंग इलायची जावित्री काली मिर्च तो क्वालिटी के हिसाब से उनकी ग्रेडिंग कर सकते हैं ताकि उनको अलग अलग रेट पर बेचा जा सके.

7. Grinding:

जब मसालों को पाउडर बनाकर बेचने की होती है तो इनका बारीकी से पीसा जाना बहुत जरूरी है। इसलिए अच्छी मशीन और उनकी दो से तीन बार ग्राइंडिंग करने पर आपको अच्छा रिजल्ट मिलेगा।

8. Quality and Reasonable Price:

मार्केट में जब तगड़े कॉम्पिटिटर्स मौजूद हो तो आप अपनी क्वॉलिटी और रीजनेबल प्राइस से ही अपना कस्टमर बेस बढ़ा सकते हैं। एक स्टार्टअप के तौर पर यही आपकी प्रायरिटी रहेगी तो जल्दी मार्केट में जगह बना लेंगे। अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको रिटेल और होल से दोनों ही मोड पर ऑपरेट करना ही होगा। इसके लिए आपने लोकल मार्केट और आसपास के एरिया को एक्सप्लोर कीजिए और nearby states में भी मार्केट तलाश लें। अगर किसी ऐसी जगह पर है जहां से कोई एक्सपोर्ट का बिजनेस पॉसिबल हो। जैसे अगर बांग्लादेश श्रीलंका नेपाल बॉर्डर से आप का एरिया लगता हो आप मसालों के एक्सपोर्टर भी बन पाएंगे।

9. Sales & Marketing:

एक ऐसा key factor है जो बिजनेस को बढ़ाता है। इसीलिए टीम में एक से दो लोग ऐसे भी होने चाहिए जिनकी Sales & Marketing बहुत अच्छी है। इसके अलावा अगर आपके आसपास कोई मेला, ट्रेड, फेयर, हाट, बाजार लगता है तो वहां पर भी अपने सामान को ले जाइए। हो सकता है कि कोई इन्वेस्टर मिल जाए। अगर स्पाइस मैन्यूफेक्चरिंग के बारे में और भी डीटेल्ड जानकारी आप चाहते हैं या बिजनेस शुरू करने के लिए.

Conclusion:

Expert advice चाहिए तो इंस्टीटय़ूट ऑफ इंडस्ट्रियल डवलपमेंट से संपर्क कर सकते हैं जो आपको मशीन से लेकर के पूरा सेटअप लगाने में आपकी नॉलेज बढ़ाएंगे और गाइड भी करेंगे। इस सेंट्रल गवर्मेंट की तरफ से ministry of MSME की कोशिश है लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की. अधिक जानकारी के लिए आप www.iid.org.in पर विजिट कर सकते हैं।