गुजरात जो अपने व्यापार, कल्चर, इंडस्ट्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जाता है और गुजरात के अंदर Rajkot city तेजी के साथ डेवलप होने वाला शहर गुजरात को और तेजी के साथ आगे बढऩे के लिए मदद करता है और आज गुजरात का चौथा सबसे बड़ा शहर राजकोट को एक्सप्लोर करेंगे और जानेंगे शहर की ग्रोथ की कहानी। गुजरात की बाकी शहरों की तरह राजकोट में भी व्यापारियों ध्रुवीकरण हुआ है जिसके चलते शहर को इकोनॉमी बूस्ट मिलता है और शहर ज्यादा तेजी के साथ डेवलप होता जा रहा है।
राजकोट गुजरात की रंगोली स्तिथि है जहां के लोग भी रंग रंगील्या है और दिल खोलकर हंसना जानते हैं बेफिक्र होकर घूमते हैं अपनी ही धुन में रहते हैं मस्ती करते हैं गाना गाते हैं डांडिया खेलते है. रंगों से भरा जीवन बिताते हैं और व्यापार के माध्यम से ढेर सारा पैसा कमाते हैं। शायद इसीलिए राजकोट के लोग कहते हैं आमारू रंगीलू राजकोट छे।
राजकोट गुजरात राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है। पवित्र आजी और न्यारी नदी के किनारे बसे हुए राजकोट को गुजराती लोग रंगीलो राजकोट के नाम से बुलाते हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक राजकोट महिलाओं के लिए गुजरात का सबसे सुरक्षित शहर भी है। इसके अलावा ये वही शहर है जहां पर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपना बचपन बिताया था। राजकोट शहर अपने रेशम और सोना उद्योग के लिए भी जाना जाता है। यहाँ का सोना बाजार भारत का सबसे बड़ा सोना बाजारों मेंसे एक है।
आई ये जानते हैं राजकोट शहर को जिसे गुजरात का मिनी मुंबई नाम से बुलाया जाता है। गुजरात का चौथा सबसे बड़ा और important शहर है राजकोट। अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा के बाद राजकोट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण शहर है गुजरात का। स्वच्छ भारत अभियान में पूरे देश में राजकोट 7 पोजिशन हासिल किया है। अगर largest urban metropolitan area की बात करे तो पूरे इंडिया में राजकोट 35 rank पर विराजमान है।
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इसके साथ राजकोट world का 22 बार फास्ट ग्रोइंग सिटी है जो अपने शहर सबसे तेजी के साथ डेवलप होते जा रहा है। 2013 में राजकोट को बेस्ट लॉ and कंट्रोल आर्डर control करने वाला शहर चुना गया था। रंगीलू राजकोट सच में कितना रंगीन है इस से हमें पता चलता है। 2019 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक राजकोट दुनिया का 22वां सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर भी है। इसके अलावा यह शहर भारत का सातवां सबसे साफ सुथरा शहर है।
गुजरात का राजकोट एशिया का सबसे बड़ा आटोमोबाइल हब भी है। राजकोट भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जहां पर भारत की bottle ट्रेन आई थी। यहां के दर्शन यूनिवर्सिटी, मारवाड़ी यूनिवर्सिटी, H. N. शुक्ला कॉलेज, आरके यूनिवर्सिटी, और सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी यहां के प्रमुख शिक्षा संस्थान हैं। आवागमन के दृष्टी कोण से राजकोट से रेल मार्ग, सड़क मार्ग और वायु मार्ग, अर्थात तीनों मार्गों से जुड़ा हुआ है।
शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप, बिजनेस इंडस्ट्रियल हब, एजुकेशनल हब, हॉस्पिटल मैनेजमेंट कंपनीज़, शायद इसी लिए लोग राजकोट को गुजरात का मिनी मुंबई के नाम से भी लोग बुलाते हैं। इंडिया के top best safest cities में राजकोट को गिने जाता हैं जहां वे क्राइम लेवल बहुत ही कम हैं और राजकोट एक ऐसा शहर है जहां रात हो या दिन महिला यहाँ पे safe फील करती है।
1. Rajkot City Culture:
अगर राजकोट की कल्चर की बात करें तो शहर में एक मिक्स्ड कल्चर देखने के लिए मिलता है या वे अलग अलग 23 भाषाओं से लोग बात करते हैं क्युकी देश के अलग अलग राज्यों से काफी लोग राजकोट में आकर बसे हैं। यहाँ पे गुजराती, हिंदी, इंग्लिश, मलयालम, मराठी, बांग्ला, सिंधी, उर्दू, जैसे लैंग्वेज से लोग बात करते हैं। लेकिन mostly यहाँ पे गुजराती, हिंदी, उर्दू जैसे लैंग्वेज से ज्यादा लोग बात करते हैं।
यहां का main festival है नवरात्रि इसके अलावा गणेश पूजा, ईद, दिवाली, होली, जैसे हर एक त्योहार में सभी वर्ग के लोग भाग लेते हैं। इसी लिए राजकोट को रंगीलू राजकोट कहा जाता हैं। राजकोट एक vegetarian सिटी है जिस वजह से यह भी सार्वजनिक तरीके से नॉनवेज खाना नहीं बनता है।
2. Rajkot City History:
राजकोट के इतिहास की बात करें तो शहर के हिस्टोरिकल बैकग्राउंड भी काफी लोग हैं। बीते सालों में इंडिया के इंडिपेंडेंस मूवमेंट में भी significance रोल निभाया था राजकोट सिटी ने। 15 April, 1948 से लेकर 13 oct 1956 तक राजकोट सौराष्ट्र स्टेट का राजधानी शहर हुआ करता था। राजकोट को मुंबई के अंदर भी शामिल किया गया और बाद में फिर से गुजरात स्टेट के अंदर इसे शामिल किया गया।
लेकिन इतिहास के पन्नों से निकलकर आज की रात को भारत का एक नया उभरता हुआ शहर के तौर पर सामने आया है। जहा पे हाई राइज स्काई लाइन मल्टिप्लेक्स, स्वैपिंग कॉम्प्लेक्स, ऑडिटोरियम हॉल, लग्जरी होटेल्स, इंटरटेनमेंट जोन सबकुछ मौजूद है जो राजकोट शहर को गुजरात तथा इंडिया का सेफ एंड बेस्ट सिटी बनाता है।
3. Population of Rajkot:
लघभग 686 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले हुए राजकोट शहर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 20 लाख से ऊपर थी। आबादी के लिहाज से राजकोट गुजरात का चौथा और भारत का 28वां सबसे ज्यादा घनी आबादी वाला शहर भी है। धार्मिक द्रष्टि कोण से में राजकोट शहर में 79 प्रतिशत हिंदू 7 प्रतिशत मुस्लिम और 2 प्रतिशत अन्य धर्म के लोग निवास करते हैं। राजकोट शहर को गुजरात का एजुकेशन हब भी बोला जाता है।
4. Rajkot Connectivity:
राजकोट की ट्रांसपोर्टेशन की बात करें तो शहर में airport मौजूद है जहां से डोमेस्टिक फ्लाइट्स उड़ान भरती है। पास टर्मिनल और पासपोर्ट भी मौजूद है। अगर tourist sport की बात करें तो राजकोट के अंदर कई घूमने लायक जगह मौजूद है। शहर के अंदर सिटी सर्विस बस भी चलती है। जिसमें कबा गाँधी नो डेलो, डॉल्स म्यूजियम, आजी डेम, प्रेम मंदिर, वाटसन म्यूजियम, जुबली गार्डन और भी ऐसे ढेरों जगह शहर के अंदर और आसपास मौजूद है।
राजकोट की इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप हुआ शहर है जहां वे इंडस्ट्री ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री है। जहा से सालभर अच्छी खासी रकम देश की economy में जमा होता है। यह शहर डेवलप थे क्लीन है इकोनॉमी स्ट्रॉन्ग है और प्यारे रंगीन मिजाज के लोग हैं जो रंगों से भरा जीवन बिताते हैं। आइए राजकोट में और अपने आखो से राजकोट को एक्सप्लोर करे।
- रेल मार्ग:
राजकोट शहर में दो रेलवे स्टेशन मौजूद है। राजकोट जंक्शन और भक्ति नगर रेलवे स्टेशन मोजूद है। जिसमे राजकोट जंक्शन रेलवे स्टेशन शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन राजकोट सोमनाथ लाइन, बरामदा ओखा लाइन और राजकोट पोरबंदर मार्ग पर मौजूद है। यहाँ प्लेटफार्म की संख्या 5 है और 9 रेलवे ट्रैक मौजूद है। राजकोट कोयंबतूर एक्सप्रेस, राजकोट वेरावल एक्सप्रेस, मुंबई सेंट्रल और राजकोट रेवा सुपरफास्ट जैसे कई प्रमुख रेलगाड़ियां राजकोट जंक्शन से होकर गुजरती हैं।
- सड़क मार्ग:
हाल ही में राजकोट में बना राजकोट का न्यू बस टर्मिनल जिसे Rajkot Bus Port नाम दिया गया है। करीब 11589 स्क्वेयर मीटर पर इसे बनाया गया है। ये Bus Port जो एयरपोर्ट को पीछे छोड़ दे. ये huge and beautiful ये GSRTC और PPP mode द्वारा कंस्ट्रक्शन किया गया है जिसे बनाने के लिए करीब 45 करोड़ रुपये से भी ज्यादा लागत आया है।
राजकोट शहर कारन परा इलाके में मौजूद राजकोट सेंट्रल बस स्टेशन शहर का मुख्य बस अड्डा है। बस अड्डे और वो सारी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं जो बस अड्डे को अत्याधुनिक बनाती हैं। बाहर से देखने पर ये बस अड्डा किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं लगता है। राजकोट शहर का ये बस अड्डा अपने सड़क मार्ग के जरिये अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत और वडोदरा जैसे कई महानगर शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके जरिए आप शहर तक पहुंच सकते हैं।
- वायुमार्ग:
राजकोट शहर के गांधीग्राम इलाके में मौजूद राजकोट एयरपोर्ट शहर का मुख्य हवाई अड्डा है। लगभग 20 हजार से भी ज्यादा के क्षेत्रफल में फैला हुआ यह राजकोट, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा एयरपोर्ट के बाद गुजरात का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी है। यह हवाई वायु मार्ग के जरिये दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े महानगर शहरों से भी जुड़ा हुआ है। इसके जरिए आप शहर तक पहुंच सकते हैं।
5. Places To Visit in Rajkot:
राजकोट शहर में खूबसूरत पर्यटक स्थलों की वजह से भी जाना जाता है। हर साल लाखों सैलानी राजकोट शहर की खूबसूरती को देखने आते हैं। आइए जानते हैं वो कौन से पर्यटन स्थल हैं जिनके बिना राजकोट शहर का भ्रमण अधूरा है। राजकोट के अंदर दो डॉल museum मौजूद है जहां वे दुनिया भर के करीब 1500 से भी ज्यादा डॉल्स रखा गया है।
- रणजीत विलास पैलेस:
राजकोट शहर के वर्धमान नगर में मौजूद रंजीत विलास पैलेस शहर के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक है। लगभग 225 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल में फैले इस महल का निर्माण सन 1907 में महाराजा अमर सिंह जी के द्वारा एक पहाड़ी के ऊपर करवाया गया था। यह शानदार महल आज भी शाही परिवार का निवास स्थान है। महल परिसर का संग्रहालय में बदल दिया गया है। यहां चित्रों कलाकृतियों और शाही परिवार की कारों को प्रदर्शनी पर रखा गया है। इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह स्थान आकर्षण का केन्द्र है।
- ईश्वरीय पार्क:
Rajkot शहर में मौजूद ईश्वरीय पार्क शहर के मुख्य पार्कों में से एक है। पार्क का उद्घाटन सन् 2008 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा किया गया था। लगभग 77 एकर के विशाल क्षेत्रफल में फैले इस पार्क में शांत वातावरण और हरी भरी हरियाली के साथ साथ एक विशाल झील भी मौजूद है जहां पर्यटक नौका विहार को इंज्वाय करने आते हैं।
- आजी डैम:
राजकोट शहर के भक्तिनगर इलाके में मौजूद आजी डैम शहर का एक मुख्य पर्यटक स्थल है। आजी डैम के किनारे बहता हुआ झरना शहर वासियों को यहां आने पर विवश कर देने वाला है। हरे भरे पेड़ पौधों से घिरे हुए डैम राजकोट शहर में हिल स्टेशन की कमी को पूरा कर देते हैं। पर्यटक यहां पर आकर एकांत में बैठकर शांति का अनुभव करते।
- स्वामी नारायण मंदिर:
राजकोट स्टेशन से लगभग चार किलोमीटर दूर कालावाड रोड पर मौजूद है स्वामी नारायण मंदिर परिसर का निर्माण सन् 1998 में BAPS संस्था के द्वारा करवाया गया था। लोगों का मानना है कि यह मंदिर परिसर का निर्माण हाथ से बनाया हुआ पत्थरों से किया गया है। इसके अलावा भक्तों का ऐसा भी मानना है कि मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है।
आप को पता है गांधीजी का बचपन भी राजकोट में ही गुजरा था। उनकी मकान आज भी राजकोट में मौजूद है। पिछले कई सालों में राजकोट इंडिया के अंदर तेजी के साथ उभर कर सामने आया है जहां huge infrastructure डेवलपमेंट का काम हुआ है। लेकिन इसके पीछे रीजन क्या है? राजकोट में छोटे tractor बनाए जाते हैं छोटे साइज के ट्रैक्टर की कंपनियां यहां मौजूद हैं और यहां से पूरे देश में सप्लाई दी जाती है।
ऑटोमोबाइल के छोटे छोटे पार्ट्स बनाने की कई सारी कंपनी मौजूद है। जहा हजारों लोग काम करते हैं और पूरे देश में यह सप्लाई दी जाती है। राजकोट में इंडिया के किसी भी शहर के मुकाबले ज्यादा सोने की दुकान बनी हुई है जहां पर खरा सोना मिलता है। सर्वे के मुताबिक शहर में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है जो धीरे धीरे करके राजकोट एशिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
इसके अलावा टेक्सटाइल बिजनेस भी है। आपको समझ आ गया होगा कि राजकोट शहर इतने जल्द इंडिया के अंदर fastest growing city में जगा बना लिया है। शहर में इतने मोके होने के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग भी शहर के अंदर बसने लगे है। जिस वजह से बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड बिल्डिंग शहर के अंदर बनने लगे और आज की तारीख के अनुसार रात में करीब 20 लाख से भी ज्यादा लोगों की आबादी है। राजकोट को इंडिया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी शामिल किया गया है और उसी मुताबिक शहर को प्लानिंग करके इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट किया जा रहा है।
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