ऑफिस के लिए तैयार होते हुए सूट और टाई लगाना हो या फिर किसी त्योहार में खादी के बने आउटफिट्स पहने हों। स्कूल ड्रेस, जीन्स, साड़ी, ट्रेडिशनल से लेकर के फॉर्मल और कैजुअल वियर की सभी टेक्सटाइल इंडस्ट्री की देन है. आज हम आपको बताएँगे कि अगर आप Textile Industry में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. अपना खुद का टेक्सटाइल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं.
चलिए आपको कुछ जानकारी देते है इस article में कि कैसे आप बन सकते हैं Textile Industry का हिस्सा. थोड़ा टाइम इन्वेस्ट कीजिए तो इसके लिए सबसे पहले जान लीजिए कि कितनी बड़ी है Indian Textile Industry।
1. Size of Indian Textile Industry:
Textile Industry की बात करें तो 2017 में Indian Textile Industry 150 बिलियन डॉलर की थी और 2023 तक ही 223 बिलियन डॉलर की हो जाएगी। टेक्सटाइल एक्सपोर्टर देशों में 2020 के डेटा के हिसाब से चाइना लीडिंग कंट्री है। इंडिया की हेल्प से नया देश बना बांग्लादेश इस मामले में इंडिया से भी आगे और जर्मनी के बाद थर्ड पोजिशन पर है और वियतनाम के बाद इंडिया पांचवें नंबर पर है।
इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री इतनी बड़ी है कि इसे मेनटेन करने के लिए सेंट्रल गवर्मेंट ने मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल बना रखा है और इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री देश की जीडीपी में 2% का कॉन्ट्रिब्यूशन भी देती है तो इतना कुछ जान लेने के बाद चलते हैं आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि अपना खुद का टेक्सटाइल बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं?
2. Research & Survey:
सबसे पहले यहां पर आपको अपने मार्केट के बारे में जानना होगा क्योंकि किसी भी बिजनेस में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले आपको मार्केट का पता होना चाहिए कि आप जिस फील्ड में उतरना चाहते हैं उसकी मार्केट वैल्यू क्या है क्या उस प्रॉडक्ट की डिमांड मार्केट में रेगुलर रहती है या फिर मार्केट प्रॉफिटेबल है या नहीं। इन बेसिक सी बातों पर अगर आपकी नॉलेज और आपकी रिसर्च वर्क क्लियर रहेगी तो आप कॉन्फिडेंस के साथ इनवेस्टमेंट कर पाएंगे।
अगर कहीं भी कोई आपको डाउट है तो टेक्सटाइल बिजनेस कर रहे किसी भी एक्सपोर्ट या बिजनेस मैन से एडवाइस लेना बुद्धिमानी होगी। बस एक बेसिक सी बात समझ लीजिए कि जब से इंसान ने अपना तन ढकना सीखा है तब से कपड़े डिमांड में हैं और ये हमेशा ही रहेंगे। बस जरूरत है करंट ट्रेंड को समझने की। लोग अभी कैसे कपड़े पहन रहे हैं और देश दुनिया किस स्टाइलिश ट्रेंड को फॉलो कर रही है क्योंकि हर बिजनेस की कामयाबी डिमांड और सप्लाई के बेहतर तालमेल पर टिकी होती है।
इसमें भी दो से तीन इम्पॉर्टेंट पॉइंट्स ध्यान रखने वाले हैं जैसे आपका Target fabric क्या होगा? यह एरिया की लोकेशन और कस्टमर की चॉइस पर भी डिपेंड करता है। इसके लिए आप एक छोटा सा सर्वे भी कर सकते हैं कि आप जिस एरिया में अपना टेक्सटाइल बेस डेवलप करना चाहते हैं वहां लोग किस तरह के कपड़े पहनते हैं। इसमें आप किसी established garment shop, garment brand, mall या showroom का एक्सपीरियंस ले कर के भी सीख सकते हैं। अब बिजनेस का दूसरा सबसे बड़ा चैलेंज आता है
3. Competition in Textile Industry:
अगर आप टेक्सटाइल बिजनेस में कोई शोरूम खोलने की प्लानिंग कर रहे हैं या फिर होलसेलर बनने जा रहे हैं तो मार्केट में वो कौन लोग हैं जो आपको तगड़ी कॉम्पिटिशन दे सकते हैं। उनके बारे में आपको पता होना चाहिए कि उनका बिजनेस मॉडल क्या है। उस सस्ते में सामान कहां से मंगवाते हैं और कस्टमर्स को वो किस रेट पर सामान दे रहे हैं। अब आगे बात करते हैं.
4. Capital:
टेक्सटाइल बिजनेस में भी आप किस कैटेगरी में जाना चाहते हैं उसके ऊपर आपके इनवेस्टमेंट डिपेंड करती है। अगर आप टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो इसमें करोड़ों रुपये का खर्चा है। इसके अलावा भी टेक्सटाइल प्रिंटिंग, गारमेंट शॉप, शोरूम, रिटेल आउटलेट जैसे बिजनेस 10 से 50 लाख के बीच किया जा सकता है। ये भी calculative capital है जो आपके बिजनेस के साइज के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है.
यहां तक कि अगर आपने सोच लिया है तो बात आती है बिजनेस लोन की। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपना धंधा जमाने के लिए बिजनेस लोन मिल जाते हैं। किसी लॉयर या सीए से अपना प्रोजेक्ट रिपोर्ट DBR बना कर अगर आप बैंक जाते हैं तो लोन मिलने की पॉसिबिलिटी बढ़ जाती है। बैंक जाने पर आपको ये भी क्लैरिटी मिल जाएगी कि बिजनेस लोन पाने के लिए बैंक और क्या क्या चीजों की डिमांड करेगा और क्या terms and conditions आपके सामने रखेगा।
अगर आप गूगल पर सर्च करेंगे how to start textile business तो सर्च रिजल्ट में एचडीएफसी बैंक का link आयेगा जिस पर टेक्सटाइल बिजनेस के बारे में कुछ जरूरी बेसिक बातें लिखी हुई हैं और बेसिस लोन अप्लाई करने का आप्शन भी आपको दिख जाएगा। तो जब लोन तक पहुंच जाए तो उसके आगे आपको अगला स्टेप लेना होगा लाइसेंस के बारे में।
5. Licensing:
टेक्सटाइल बिजनेस खड़ा करने के लिए आप शोरूम्स खोले या फिर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट या फिर प्रिंटिंग हर काम के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी जिसे आप प्रॉपराइटरी फर्म पार्टनरशिप फर्म लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप यानी की एलएलपी या फिर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर इस्टेब्लिशमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा टर्नओवर 20 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ेगा।
अगर आप टेक्सटाइल शॉप या शोरूम खोलने जा रही हैं तो अपने एरिया के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ेगा जिसके लिए आपको। 5 – 10 हजार की फीस भी लग सकती है। इन सारी चीजों के लिए किसी सीए या लॉयर को अप्रोच कीजिए जो आपको सभी legal work में हेल्प करेंगे तो ये तो हुई लाइसेंस की बात.
6. Types of Textile Business:
अब बात करते हैं टाइप्स ऑफ टेक्सटाइल बेसिस मतलब जानती है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री में किस तरीके के बिजनेस ऑप्शंस अवेलेबल हैं।
a. Textile Printing Industry:
अगर आप टेक्सटाइल प्रिंटिंग इंडस्ट्री में जाना चाहते हैं तो मैनुअल टेक्सटाइल प्रिंटिंग मशीन सेमी ऑटोमैटिक टेक्सटाइल प्रिंटिंग मशीन आटोमैटिक मल्टी कलर प्रिंटिंग जैसे ढेर सारे मशीन्स मार्केट में अवेलेबल हैं जिनके ज्यादा प्रिंटिंग बिजनेस में जा सकते हैं 1 लाख से लेकर 50 लाख रुपये और उससे भी ज्यादा महंगे प्रिंटिंग मशीन आपको मिल जाएंगे। डिपेंड करता है कि आपका बिजनेस कैपिटल कितना है।
b. Online Store:
आजकल लोगों को आनलाइन शॉपिंग का बहुत क्रेज है या यूं कह लीजिए कि समय की डिमांड है तो जरूरत की लगभग हर चीज में आनलाइन मार्केट ग्रो कर रहा है। कपड़े जूते लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स ग्रोसरी सब कुछ ऑनलाइन बिक रहा है। इसलिए आप अपनी खुद की ऑनलाइन वेबसाइट बनवाकर और सोशल मीडिया मार्केटिंग के जरिए भी अपना टेक्सटाइल या गारमेंट बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर अपना टाइमलाइन स्क्रॉल करते हुए आपको बहुत से कमर्शल ऐड दिखते होंगे जिनमें आउटफिट्स और गारमेंट्स के भी ऐड्स होते हैं तो अगर आपके पास अच्छा कलेक्शन है आप प्रॉडक्ट भी यूनीक है तो आपके रेगुलर कस्टमर्स के साथ साथ ऑनलाइन कस्टमर्स भी आपकी प्रॉफिट को बढ़ाएंगे।
7. Wholesaler or Retailer:
मतलब ये कि गारमेंट और textile का business ही ऐसा है जिसकी डिमांड हमेशा ही रहेगी। इसलिए इसमें होलसेलर या रिटेलर बन करके भी आप अपना बिजनस बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी अच्छे सप्लायर को ढूंढना पड़ेगा जो आपको सस्ते में मटीरियल सप्लाई करे। क्वॉलिटी प्रॉडक्ट, कम्फर्ट, और रीजनेबल प्राइस इन तीनों क्राइटेरिया को मैच करने के लिए आप किसी अच्छे सप्लायर से contact कीजिए. आपको ओरिजिनल और क्वॉलिटी प्रॉडक्ट दे क्योंकि अगर आपकी कस्टमर्स लॉयल रहेंगे तो वो बाकी लोगों को भी आपकी शॉप या शोरूम के बारे में रिकमेंड करेंगे और ऐसा हुआ तो आपके बिजनेस का ग्रोथ रेट हमेशा हाई रहेगा।
8. Transportation:
इंडिया में सूरत, वडोदरा, शोलापुर, पूणे, जलगांव, चेन्नई, मदुराई, सालेम, कानपुर, बैंगलुरु, ग्वालियर, जैसे शहर टेक्सटाइल में लीड करते हैं। इन जगहों से आप कपड़े मंगाते हैं तो ट्रांसपोर्टेशन पर भी अच्छा खासा खर्चा आता है। इसके लिए आप मार्केट में अच्छे और सस्ते किसी ट्रांसपोर्ट की सविर्स ले सकते हैं या फिर इंडियन रेलवे से भी आप अपना कंसाइनमेंट मंगा सकते हैं। इनके अलावा दिल्ली के गांधीनगर मार्केट में भी सस्ते में आपको टेक्सटाइल प्रॉडक्ट्स मिल जाएंगे। वैसे अगर आप खुद ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करते हैं तो indirectly भी टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़कर आप प्रॉफिट कमा सकते हैं.
9. Career Options:
सारी जानकारी जानने के बाद अगर करियर के लिहाज से हम बात करें तो ऐसे करियर ऑप्शन हैं जिनके साथ आप टेक्सटाइल इंडस्ट्री में जा सकते हैं।
- Knitting Machining Technician
- Laboratory Technician
- Look Technician
- Machining Operator
- Plant Engineer
- Sales Manager
- Textile Tester
- Designer
ढेर सारे ऑप्शंस के साथ आप अपना करियर बना सकते हैं। Institute of apparel management Gurgaon, IIT Delhi, Anna University Chennai, Mumbai University, NIFT Delhi, जैसे ढेर सारे इंस्टिट्यूट्स हैं जहां से टेक्सटाइल इंडस्ट्री की पढ़ाई कर सकते हैं तो उम्मीद करते हैं कि टेक्सटाइल से जुड़ी इस फुल केस स्टडी ने आपकी काफी हेल्प की होगी।