जब भी बात आती है कि एक confident person कैसे बना जाए तो वही कुछ common advice सुनने को मिलती है। खुद के बारे में पॉजिटिव सोचो, खुद में कॉन्फिडेंस रखो, back straight करके चलो, अच्छे कपड़े पहनें, आये ट्वाय कॉन्टैक्ट रखो, एक्सट्रा एक्सट्रा लेकिन ये सब चीजें हम आपको इस article में नहीं बताने वाले क्योंकि हमें पर्सनली हमारी रिसर्च और एक्सपीरियंस इसके बाद लगता है कि ये सब चीज सिर्फ एक हिस्सा है increase confidence show करने का.

क्या सिर्फ कुछ चीजें करने से कोई पर्सन हमेशा के लिए truly confidant बन सकता है? खैर हमारे अकॉर्डिंग कॉन्फिडेंस एक external चीज होने से कई गुना ज्यादा एक internal belief, perception और एक thought है जिसे हम article में आगे डिटेल में डिस्कस करेंगे। तभी तो कहा जाता है कि जैसा आप सोचते हों वैसे ही आप बनते हो तो अगर आप सच में internally के अंदर से कॉन्फिडेंट फील करना चाहते हो और एक truly confident person बनना चाहते हो तो इस article को जरूर पढ़े. क्योंकि हमें पूरा कॉन्फिडेंस से के ये article में आप जानेंगे ये रियल कॉन्फिडेंस आखिर में क्या होता है.

INCREASE CONFIDENCE

1. Understand The Wrong Perception About Increase Confidence:

अगर हम आपसे highly confident person के बारे में सोचने के लिए कहें तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में एक ही मैं जाएगी कि कॉन्फिडेंट पर्सन वो है जो अट्रैक्टिव है लोग उसे पसंद करते हैं वो खुद के बारे में अच्छे से कॉन्फिडेंट है और जो अपनी लाइफ में बेहतर कर रहा है तो यही मौसम भी लोग गलत होते हैं। एक कॉन्फिडेंट पर्सन और कॉन्फिडेंस के बारे में। यानी एक ऐसा जरूरी नहीं कि जैसा दिखता है वैसा ही हो। हमें कॉन्फिडेंट बनने से पहले ये जो कॉन्फिडेंस को लेकर wrong perception हें.

उसे बदलना होगा। क्यूंकि किसी पर्सन के पास अगर काफी फ्रेंड्स हैं सब उसे पसंद करते हैं वो रिच है या उसकी बॉडी बहुत ही अच्छी है तो इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं होगा कि वो पर्सन एक कॉन्फिडेंट पर्सन होगा ही होगा। हम यही कहेंगे कि कॉन्फिडेंस एक माइंडसेट और एक इंटरनल बिलीव है तभी वर्ल्ड वाइड से काफी सक्सेसफुल और फेमस लोग भी हैं जिन्हें पूरी दुनिया तो बहुत increase confidence और कूल तो समझती है लेकिन उन लोगों ने अपने इंटरव्यूज और डिफरेंट occasions में बताया है कि उन्होंने हमेशा से अपनी लाइफ में low confidence और low self esteem से स्ट्रगल किया है after success, good looks and fame.

For Example – जस्टिन बीबर, लेडी गागा, जॉनी डेप, सेलिना गोमेज, क्रिस प्रैट, जेन मलिक एक्सट्रा. इन सभी को देख के लगता है कि इनके पास सब कुछ है फेम गुड लुक्स मनी ब्यूटिफुल पार्टनर. तो पक्का ये काफी कॉन्फिडेंट होंगे लेकिन रियालिटी अलग है तो उम्मीद है कि आपको भी समझ आ गया होगा के एक्सटर्नल याने की बाहरी चीजों से स्टैंडर्ड्स और इवेंट से कॉन्फिडेंस का जरूरी नहीं है कि कोई डायरेक्ट कनेक्शन हो बल्कि ट्रू कॉन्फिडेंस इंटर्नल होता है। लेकिन अब हम एक्साइटिंग चीजों पर फोकस करने के बजाए internal change कैसे लाएं तो वो हमारे सेकेंड पॉइंट में जानते हैं।

2. You Have to Prove Something to Yourself:

हमारे ब्रेन को एक सॉलिड और एक believable reason चाहिए होता है जिसमें वह बिलीव कर सकें तो इसीलिए आखिर जब हमारे पास कॉन्फिडेंट फील करने के लिए कोई सॉलिड रीजन या चीज नहीं होगी तो आखिर हम कैसे कॉन्फिडेंट फील कर सकते हैं। इसीलिए हमें theoretical बातों की नहीं बल्कि प्रैक्टिकल सोच की जरूरत है जिसके लिए आपको Locus of Control को समझना होगा। Locus of Control का मतलब होता है हमारा कितना विश्वास और कॉन्फिडेंस से इस बात पे कि हमारी लाइफ और खुद पर हमारा कितना कंट्रोल है और इसके two types होते हैं पहला External Locus of Controlऔर दूसरा है Internal Locus of Control.

External Locus of Control वाले पर्सन को लगता है कि उसके साथ जो भी हो रहा है वह एक्सटर्नल फैक्टर्स की वजह से है जैसे कि गौड़ लक किस्मत या दूसरे लोग वही Internal Locus of Control वाला पर्सन सोचता है कि उसके साथ जो भी हो रहा है या हुआ है उसमें उसका खुद का रोल भी है चाहे उसके साथ अच्छा या बुरा। वह इसके लिए खुद को रिस्पांसिबल मानता है। अपने internal factor को जिम्मेदार मानता है ना कि external factor को तो external चीजो, circumstances और लोगों को तो हम कंट्रोल नहीं कर सकते लेकिन हां हमें Internal Locus of Control करके खुद को और खुद की लाइफ को जरूर कंट्रोल कर सकते हैं।

आपको एक पेपर में अपनी insecurities, fears और weakness को लिखना है और उसके बगल में अपनी strengths. इस लिस्ट में आपको ज्यादा insecurities, fears और weakness मिलेंगी जो आपके कंट्रोल में नहीं हैं तो आप उन्हें काट दें। अब जो बाकी की insecurities, fears और weakness बची हैं वो आपके Internal Locus of Control का पार्ट होंगी। हम इसमें आपका कंट्रोल है तो अब आपको सिर्फ इनको धीरे धीरे करके ठीक करना है.

ये आपकी bad habits हो सकती हैं या कुछ और। आपको अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस दोनों के साथ कम्फर्टेबल और कॉन्फिडेंट रहने के बजाय खुद को कोसने के या अंडर कॉन्फिडेंट फील करने के Internal Locus of Control पर फोकस करना है और इम्प्रूवमेंट भी अपने आपको चैलेंज करना ताकि आप खुद को एक solid reason दे पाएं खुद में कॉन्फिडेंट फील करने का.

3. We All Are Just Human Beings:

जस्ट इमैजिन करके आप पहली बार काफी सारे लोगों के सामने स्पीच दे रहे हो। आप कैसा फील करोगे। nerves, fearful, anxious शायद से आप इस बारे में चिंता करोगे कि मैं लोगों को कैसा लगूंगा मैं कैसा दिखूंगा। लोग मुझे कैसे जज क्रिटिसाइज करेंगे लेकिन ऐसी किसी भी सिचुएशन में एक अन कॉन्फिडेंट पर्सन जो बाद भूल जाता है वह यह कि ऐन अवधि में हम सभी इंसान हैं. इसलिए भीड़ में दिखने वाले हर एक चेहरे की अपनी एक complicated life story है। उसकी अपनी प्राब्लम्स और इनसिक्योरिटी से बिल्कुल आपकी तरह.

इस concept को कहा जाता है theory of mind यानी कि जैसे आप किसी और के emotions और सिचुएशन से रिलेट कर सकते हैं वैसे ही ज्यादातर लोग आप। इमोशंस और सिचुएशंस को भी समझ सकते हैं। लेकिन होता क्या है। हमें लगता है कि सिर्फ हमें हमारी सिचुएशन को समझ सकते हैं कोई दूसरा नहीं। और हमारा ही confidence low होगा दूसरों का नहीं और ऐसी सोच से जन्म होता है। इस सोच का कि मैं बाकियों की तरह नहीं हूं। मैं भी उनसे ज्यादा या उनसे कम.

तो ऐसी हर सिचुएशन में ये याद रखो कि आप तरह बाकी लोग भी सिर्फ इंसान हैं और कुछ नहीं। ना ही कोई आपसे ज्यादा है और ना ही कोई आपसे कम। बाकी लोगों को अपने से ज्यादा सुपीरियर स्पेशल या स्मार्ट मत समझो जैसे आप केन्द्र कमिया हैं वैसे ही उनके भी अंदर होंगी। बाकी लोगों का इतना बड़ा हुआ मत बना और लोगों के सामने फेक कॉन्फिडेंस शो मत करो।

एक फेक पर्सन मत बनो बहुत hard try मत करो लोगों को इम्प्रेस करने का वर्ना हम सभी को सेंस हो जाता है कि कौन फेक है और कौन रियल। हम सभी को वही लोग पसंद हैं जो रियल हो और authentic हो। फेक कॉन्फिडेंट नहीं। जब आप जबरदस्ती ट्राय नहीं करोगे लोगों को अपने जैसा ही imperfect समझ के उनके बीच कंफर्टेबल फील करोगे। इससे आप अपने आप लोगों के बीच अंदर increase confidence या नर्वस फील नहीं करोगे।

4. Practice The Power of Experience:

अगर आपको भी नये लोगों से बात करने में कुछ नया ट्राय करने में या खुद पे हर एक सिचुएशन में कॉन्फिडेंट फील करने में प्रॉब्लम होती है तो आपको पावर ऑफ एक्सपीरिएंस को प्रैक्टिस करने की जरूरत है। यानि कि आपको डर और एंग्जाइटी फील हो तो इस बात के बारे में सोचो कि आप कुछ ऐसा करने जा रहे हो जो आपने पहले कभी नहीं किया है। अब ये शुरुआत है मुझे ज्यादा वक्त नहीं हुआ है और ना ही बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस।

जैसे जैसे एक्सपीरिएंस बढ़ेगा उतना ही मैं कंफर्टेबल फील करूंगा और इस चीज के साथ कॉन्फिडेंट भी। बस मुझे खुद को कुछ टाइम देने की जरूरत है क्योंकि अगर आप खुद को ऐसा नहीं समझोगे तो आप लाइफ में कुछ नया या आउट ऑफ द बॉक्स ट्राय ही नहीं करोगे। इस बात को accept करो कि आप अपने ऑफिस के first day में 100% confident feel नहीं करोगे। बिलकुल जैसे कोई भी स्टैंडअप कॉमेडियन सिंगर डांसर या परफॉर्मर अपनी ख़ास परफॉर्मेंस में 100% confident नहीं होता.

लेकिन वो ट्राय जरूर करता है और जो गलती वो करता है उसे सीख के आगे इम्प्रूवमेंट करता है। अगर आपसे कोई बोलता है क्या फर्स्ट अटैम्प्ट में अपना बेस्ट देंगे और आप 100% confident होंगे तो वो पर्सन आपसे झूठ बोल रहा है। आपको ये समझना होगा कि स्टार्टिंग में प्रॉब्लम होगी लेकिन वे एक्स्पीरियंस ठीक हो जाएगी तो अगर आपको कोई पर्सन किसी चीज़ में कॉन्फिडेंट लगता है तो उसके पीछे उसका एक लंबा एक्सपीरिएंस होता है।

5. Do not take Yourself too Seriously:

हम सभी बेवकूफियां करते हैं और लोगों के हसने या उनके मजाक का कारण भी बनते है अनजाने में जो लोग हंस रहे होते हैं वो भी तो इस नॉर्मल चीज को अपने आगे राय ही ना करने का कारण मत बनाओ। इस पूरी लाइफ में हम सभी लोग काफी गलतियां करने वाले हैं. अगर हम अपने आप को इतना ज्यादा सीरियस लेंगे कि लोगों के मजाक से अफेक्ट हो जाएंगे या बिल्कुल भी अपनी imperfect side उन्हें शो नहीं करेंगे.

ये लाइफ भी कम है क्यूंकि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना। लेकिन फिर भी लोग सोचते हैं अरे यार में chair से गिर गया मेरा चार लोगों के बीच मजाक बन गया। अरे मेरा खाते खाते हाथ से खाना गिर गया। पता नहीं लोग क्या सोच रहे हैं। इतनी नॉर्मल और छोटी छोटी चीजों के लिए लोग सीरियस हो जाते हैं जबकि ऐसा हम सभी के साथ होता रहता है। आपको जितनी जल्दी बुरा लगता है गुसा आता है.

आप उतनी जल्दी इमोशनली हर्ट हो जाते हो ये शो करता है कि आप कितने insecure, emotionally immature और unconfident person हो. जबकि आपको इसका बिलकुल उलटा करना चाहिए। बाकी लोगों के साथ आपको भी हंसना चाहिए और lightly ले लेना चाहिए। ऐसा करना ये शो करता है कि आप इमोशनली मैच्योर और खुद में increase confidence हो। लोग क्या सोचते हैं आपको फर्क नहीं पड़ता।