2 geniuses math’s professors जिन्होंने पूरी जिंदगी math’s व students को समझने में लगादि. वो ये जानना चाहते थे कि हमें exactly कैसे सोचना चाहिए ताकि हम बेस्ट परफॉर्म कर सकें। Best ideas generate करसके और thinking methods से जल्दी किसी new concept को समझ पाएं। इन दो math’s professors के नाम हैं Edward Burger और Michael Starbird. इनकी बुक The 5 Elements of Effective Thinking से 5 elements के बारे में सीखेंगे जिनसे हमारा brain बहुत deep सोच पाएगा। इन 5 elements में सबसे पहला एलिमेंट आता है-

1. Understand Deeply:

जब टीचर ने राहुल को exam sheet पकड़ाई तो राहुल ने देखा कि उसे exam में सिर्फ 38% marks मिले जिससे राहुल बहुत दुखी हो गया। उसकी आंखों में आसू आगये। उसे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे हो सकता है। वो अपने साथ बठे हुई दोस्त से बोला यार ऐसा कैसे हो सकता है? मुझे इस पेपर में हर एक question का answer आता है पर शायद मैंने एक दो मिस्टेक करी और इतने कम मार्क्स।

अब मैं घर में अपने पेरेंट्स को क्या बोलूंगा. Author बोलते हैं कि राहुल के अच्छे मार्क्स आ सकते थे अगर वो सिर्फ facts learn करने के बजाय basics को अच्छे से सीखता। जब भी हम कोई नई चीज सीख रहे होते हैं तो हमें detail में जाकर सीखना चाहिए।

Thinking Methods

राहुल का लर्निंग का तरीका वैसे ही था जैसे नर्सरी के बच्चे याद करते थे कि 5×5=25 केसे बिना ये सोचे कि आखिर ये true क्यूं है। वैसे ही अगर हम पियानो सीख रहे हैं तो सिर्फ हाथ की मूवमेंट्स को याद करने के बजाय हमें डिटेल में म्यूजिक के कंपोनेंट्स को सुनना पड़ेगा ताकि हम किसी भी म्यूजिक पीस को सुन के उसको टुकड़ों में इमैजिन कर पाएं और सिर्फ वही म्यूजिक को सुनके दुबारा से क्रिएट कर पाएं। किसी भी concept को deeply understand करने के लिए हमें समझना पड़ेगा ये Einstein का quote जो कहते हैं-

“The Whole of Science is Merely A Refinement of Everyday Thinking”

यानि पूरी science हमारी डे टू डे लाइफ को ही समझ की निकाली गई है. साल 19665 में इंग्लैण्ड Bubonic Plague आगया था। ये plague ज्यादा न फैले इसके लिए collages बंद कर दी गई. Isaac newton और बाकी सब स्टूडेंट्स को घर भेज दिया गया। अगले दो साल न्यूटन ने अपनी आंटी के घर पे बिताए और यहां पर न्यूटन ने 24 साल की उम्र में ही calculus fundamental concepts तैयार कर दी और physics के laws भी. बहुत लोगों को लगा था कि न्यूटन ने बहुत बड़ी concept सोचे होंगे। लेकिन ये concepts न्यूटन ने खुद से बहुत सिंपल सवाल पूछकर किए थे।

For example एक पेड़ से कितनी स्पीड से एप्पल गिर रहा है उसे उन्होंने derivatives के concepts तयार की. यह सोचना कि ऐपल कितनी दूर जाएगा अगर हम उसकी स्पीड का पता हो। उसे उन्होंने integrals की concept ready to challenge the basic ideas बहुत सालों से चल रही Aristotle theory का ये मानना था कि अगर दो objects को आप हाइट से फेकोगे तो नीचे पहले भारी ऑब्जेक्ट गिरेगा और बाद में हल्का।

लेकिन ऐसा नहीं था और इसे प्रूव करने के लिए Galileo galilee ने सन 1958 में Pisa की Leaning Tower पर चढ़े और उन्होंने दो same dimensions के ball tower से गिराए. एक बॉल लोहे का था और दूसरा बॉल लकड़ी का। जब लोगों ने देखा तो दोनों बॉल एक ही टाइम में जमीन पर पहुंचे जिससे ये प्रूव हो गया कि वेट से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौनसी बॉल पहले गिरेगी। अगर हम air resistance को neglect करदे.

2. Fire- Make Mistakes:

साल 1970 में तीन दोस्तों ने सोचा कि वो कुछ बड़ा ट्राय करेंगे और इसके लिए रोड में उन्होंने रबर लगा दिया ताकि जो भी गाड़ियां उस रबर के टुकड़े की ऊपर से जाएंगी तो उस रबर में लगे सेंसर से पता चल जाएगा कि उस रोड में कितना ट्रैफिक है और इस नई स्टार्टअप को नाम दिया गया Traf O Data और ये अच्छा आइडिया था और इस बिजनेस से थोड़ा रेवेन्यू जनरेट भी हो गया। लेकिन फाइनली ये स्टार्टअप बुरी तरीके से फेल हो गया। अब आप में से कई लोगों को इन स्टार्टअप के फाउंडर्स पर तरस आ रहा होगा कि इतना brilliant idea होने के बावजूद भी ये सक्सेसफुल नहीं हो पाया।

लेकिन इस स्टार्टअप के फाउंडर्स ने ज्यादा दुख नहीं मनाया और इस स्टार्टअप से जो उन्होंने मशीन कंप्यूटिंग के कॉन्सेप्ट को समझा था उसे यूज करके एक और नया स्टार्टअप खोला. इस बार इस स्टार्टअप को अच्छा नाम दिया गया और वो स्टार्टअप का नाम था Microsoft. जी हां ये दो फाउंडर्स Paul Allen और bill gates थे और बहुत कम लोगों को इनकी स्टोरी के बारे में पता है। आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि हमें failure से तो बहुत डर लगता है तो हम क्या करें। इसके लिए author concept देते हैं जिसे वो कहते हैं fail 9 times.

कोई भी creative accomplishment के लिए हमें lessons की जरूरत पड़ती है और ये lessons हमें हमारी मिस्टेक से ही पता चलता है। अगर अब हम इस रूल को याद रखते हैं कि हमें 9 times fail होना है तो अगली बार जब भी हम फेल होंगे तो हम ये नहीं सोचेंगे। ओह यार मेरा तो टाइम और एफर्ट बर्बाद हो गया बल्कि हमें ये सोचना है कि very good एक बार में फेल होके 10% कम कंप्लीट कर चुका हूं. अब बस 8 और बार फेल होना है और सक्सेस मेरी है।

माइकल जॉर्डन कहते हैं कि मैंने 9000 से ज्यादा शॉट्स अपनी करियर में miss की. 300 से ज्यादा गेम्स मैंने हारे, 26 बार मेरे ऊपर मैच डिपेंडेंट था और मुझे विनिंग शॉट खेलना था जो मैंने मिस कर दिया। मैं हारा फिर हारा और बहुत बार हारा। यही सिर्फ एक रीजन है जिसके बाद मैं जीता। लाइफ में फेल होने के बावजूद बार बार attempt कीजिए। एक चीज को प्रैक्टिस करना जरूरी है और ये रूल हमारे academics study पर भी अप्लाई होता है। हम जितना ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे उतना ही अच्छा रिजल्ट पालेंगे.

3. Air- Raise Questions:

Author कहते हैं कि answers हमारा brain ढूंड लेता है. लेकिन real issue ये है कि हमें effective questions पूछना नहीं आता। Questions इतने important है कि इसपर एक पूरी बुक लिखी जा चुकी और इस बुक का नाम है- ‘Questions are The Answers’ by Allan Pease. For example अगर हम खुद से questions पूछें कि मैं exam में top कैसे कर सकता हु? ये एक ineffective question है. Real question ये है कि हम खुद से पूछें कि मैं अपनी स्टडी को इन्जॉय कैसे करूं ताकि मैं ज्यादा देर तक पढ़ सकूं। वैसे ही अगर हमें 30 pushups एकसाथ करने हैं तो हमें ये खुद से नहीं पूछना चाहिए कि मैं 30 पुशअप्स कैसे करूं।

बल्कि ये पूछना चाहिए कि मैं हर रोज एक पुशअप ज्यादा कर सकता हूं और 30 दिनों में मैं continue 30 pushups करने लग जाऊंगा। Right question कैसे फायदा दे सकते हैं। इससे रिलेटेड हम एक real example देते हैं। January 28th 1986 को USA का space shuttle challenger blast हो गया था जिसमें सात के सात crew members मारे गए। किसी को भी नहीं पता चला कि एक्चुअली इशू क्या है गलती किसकी।

इस issue की जांच पड़ताल करने के लिए एक कमेटी बिठाई गई। इस कमेटी में अमेरिका के top most minds थे. कोई केमिस्ट्री की फील्ड तथा कोई फिजिक्स की तो कोई मैकेनिक्स की और सब डिफरेंट डिफरेंट क्वालिटी के questions पूछ रहे थे। लेकिन फिर भी किसी को पता नहीं चल रहा कि आखिर चैलेंजर स्पेसक्राफ्ट के साथ हुआ क्या था। इस कमेटी में एक फेमस पर्सनालिटी थी richard feynman उन्होंने बहुत ही simple question पूछा जो हम 5 या 6 क्लास में सीखते हैं कि गर्म करने पर कोई भी चीज expand करती है.

ठंडी करने पर कॉन्ट्रैक्ट तो मैंने पूछा कि शटल में लगे जाने वाले O ring अगर ठंडी किए जाए तो वो contract तो होंगे लेकिन दुबारा नॉर्मल टेम्प्रेचर में आने पर वह वापिस अपनी shape पर नहीं आते थे। इसके लिए उन्होंने सबके सामने छोटी O ring को बर्फ के पानी में डाला और उसे निकाल के भी दिखाया। लेकिन वो अपनी शेप में वापस नहीं आते थे और यही कारण था स्पेस शटल के फटने का। लॉन्च से एक दिन पहले टेम्प्रेचर बहुत कम था जिसकी वजह से O ring सिकुड़ गए और टेम्प्रेचर नॉर्मल होने पर वो अपनी रियल शेप में नहीं आए जिसकी वजह से leakage हुई और फाइनली ब्लास्ट हुआ।

4. Water – The Flow of Ideas:

ये concept कहता है की नए ideas generate करने केलिए पुराने ideas से सीखो. Isaac newton अकेले इसे इन्सान नहीं थे जिन्होंने calculus mathematical concepts बनाये. Gottfried Von Leibniz नेभी newton के same time पर calculus discover की थी. अब calculus पुराने concepts पर एकदम new idea नहीं था. एसा इसीलिए है according to mathematicians integrals and derivatives concepts को बनाने क लिए जितने भी concepts चाहए थे वो पहले ही mathematicians बना चुके थे. Calculus बस एक improvement थी existing concept से. इसलिए newton ने कहा था

“I can see further because I stand on the shoulder of giants”

यानि में ज्यादा अच्छे तरीके से concept इसलिए समाज सकता हु क्युकी में scientist के काम को study करता हु. नए ideas पुराने ideas से ही generate होते है. For example Leibniz ने जब 1684 में calculus concept को पब्लिश किया तो वो सिर्फ 6 pages के था. पर जब हम 12th class calculus पढ़ ते है तो कई books 1300 pages की है.

सवाल ये है की ये 6 pages कहा से आये ये तो पता है पर बाकि के 1294 pages कहा से आये? ये सारे 1294 pages उन 6 pages के iteration है. उसके applications, examples, और questions है. जो students सोचते है हमारे teachers को ये 1300 pages केसे याद है? उसका answer है की उन्हें याद नहीं है पर उन्हें basics concepts अछे से पता है. उन्ही basic idea से बाकि के concepts derive होते है.

5. The Quintessential Element:

Greeks के according हर चीस 5 चीजो से बनी है earth fire water air और 5th है Quintessential Element. यानो वो element जो किसी का भी form ले सकता है. इस लिए concept भी हमें ये सिखाता है. इसको समजने केलिए हम एक example लेते है tenis. मन लीजये आप tenis सिखने आये है. पहले आप अपनी आखे बंध करलेते है और अपने partner को बोलते है तू ball throw कर फिर उस ball को hit करने की कोशिस करते है. उसके बाद दोबारा अपने parner को ball throw करने को बोलते है पर इसबार आपकी आखे खुली है. आप देखते है केसे आपका racket ball को touch करता है.

आप हर shot आखे खोल कर खेलते है और खुद के playing style को transform करते रहते है ताकि आप अछे player बनते रहे. Finally अपनी thinking methods से आप इतने successful होजाते है की ball की present location को देखते ही आप अनुमान लगा सकते है की ball की future location क्या होगी. अपने opponent की moves को guess करने लगजाते है. ये सिर्फ इसलिए हुआ है क्युकी आप Quintessential Element की तरह act कर रहे थे. यानि खुद को transform किये जा रहे थे. इसलिए अगर आपसे कोई idea share कर रहा है तो उसके idea सुनो. अगर वो अछे arguments देता है तो उसे हमें accept भी करना चाहिए.