अगर आप का iPhone 13 या iPhone 12 और कोई भी iPhone ख़राब हो गया तो आप सोच रहे होन्गे की How to Fix iPhone? अब अपने live program के साथ Apple ने आखिरकार आपको अपने आईफोन की मरम्मत करवाने की छूट दे दी वह भी वारंटी के अंदर, ग्राहकों के लिए एक बड़ा कदम। लेकिन क्या एप्पल कस्टमर्स के लिए कर रहा है? ऐपल कस्टमर्स जल्द ही अपने फोन को रिपेयर करा सकेंगे। इसके लिए पुर्जे और टूल्स भी कंपनी ही मुहैया कराएगी। इस प्रोग्राम को 2022 की शुरुआत में सबसे पहले अमेरिका में लॉन्च किया जाएगा।
इसके बाद धीरे धीरे और देशों में भी यह सुविधा मिल पाएगी। ये इस तरह काम करेगा। अगर आपके पास iPhone 12 या iPhone 13 है और आप अपनी screen, battery या camera ठीक कराना चाहते हैं तो आप नए एप्पल self repair online store पर जा सकते हैं और जिन पुर्जे की आपको जरूरत है वो ऑर्डर कर सकते हैं। आप सोच रहे होंगे इसमें गलत क्या है। इस तरह तो Apple बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन असली सवाल तो ये होना चाहिए कि अब जाकर क्यों? Apple और कुछ tech कंपनियों ने अपने डिवाइस की मरम्मत को इतना कठिन बनाकर रखा ही क्यों है?
1. Planned Obsolescence:
ये इंडस्ट्री की एक स्ट्रैटिजी है जिसका नाम है planned obsolescence. इसमें चीजें इस तरह से बनाई जाती हैं कि वो एक तय समय तक ही काम के लायक रहे। इस तरह कंपनियां लोगों पर हर कुछ समय के बाद नए प्रॉडक्ट्स खरीदने का दबाव बनाती है। इसका मतलब हुआ कंपनी की कमाई होती रहेगी। मसलन एक फोन या लैपटॉप की बैटरी बदलना कोई रॉकेट साइंस नहीं। लेकिन ज्यादातर कंपनियां इसके लिए दूसरी बैटरी और टूल्स को ढूंढ़ना मुश्किल बनाते हैं।
मसलन 2009 मॉडल वाले मैकबुक में Penta lobe screw लगे थे जिसे खोलना उस समय तो लगभग नामुमकिन था। आम तौर पर जब कोई डिवाइस खराब होती है आपके पास दो रास्ते होते हैं। पहला क्या उसे मैन्युफैक्चरर के पास ले जाकर बनवाने में काफी खर्चा आता है और चूंकि ज्यादातर पुर्जों का दाम और मरम्मत की कीमत इतनी ज्यादा आती है कि कई लोग दूसरा विकल्प चुनते हैं जो है नया प्रोडक्ट खरीदना।
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2. Right To Repair Movement:
सब सोची समझी नीति के तहत चीजों को बेकार करने से, न केवल आपके और हमारे पैसों बलके इसे बनाने में लगने वाले चीजों की भी बर्बादी होती है। सोचिए ये हमारी धरती के लिए कितना बुरा है। इस लिए एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन right to repair movement की मांग करता है कि कंपनियां ऐसे डिवाइसेज बनाएं जिनकी मरम्मत करना आसान हो। प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी के बजाय वे प्रॉडक्ट्स की मरम्मत के ईकोफ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा देना चाहते हैं जैसे reusing और रिपेयरिंग।
कुछ देश एसी सोची समझी खराबी को रोकने के लिए कानून बना रहे हैं। 2021 के शुरुआत में फ्रांस में एक reparability index की शुरुआत थी ताकि उपभोक्ताओं को ऐसे product चुनने में मदद की जा सके जिनकी आसानी से मरम्मत की जा सकती हो। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फेडरल ट्रेड कमिशन से मरम्मत पर पाबंदियों के खिलाफ कदम उठाने की गुजारिश की। इसलिए ऐपल का यह कदम उनके भलमनसाहत का नतीजा नहीं है। देर सबेर उन्हें ऐसा करना ही पड़ता।
3. How to Fix iPhone with Self Repair Program:
लेकिन Apple आज भी अपने नियम खुद बनाता है उसके नए self repair program में आप अपने आईफोन की खुद मरम्मत तो कर सकते हैं लेकिन सिर्फ उसी के रिप्लेसमेंट पार्ट्स और टूल्स से। इस दौरान अगर आपका फोन टूट जाता है तो आपकी वारंटी चली जाएगी। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि नौसिखिए यूजर्स को इस तरह अपने फोन से छेड़छाड़ करने का मौका देने से असल में आप और भी ज्यादा कमाई होगी।
इन तमाम बातों को मद्देनजर रखते हुए ये मानना मुश्किल लगता है कि ऐपल ने यूजर्स के लिए वाकई कोई महान कदम उठाया है। यूजर्स का इतना ही खयाल होता तो कंपनी ये भी कह सकते थे कि किसी थर्ड पार्टी से भी पुर्जे खरीदे जा सकते हैं या फिर अपने ही पुराने फ़ोन से निकाल कर लगाए जा सकते हैं। आप और हमारे कुछ तो पैसे बचते। आपको क्या लगता है कमेंट करके बताये।