हम सबने ये लाइन कई बार सुनी है। Money doesn’t buy happiness पैसों से हम खुशी नहीं खरीद सकते। Financial Freedom अब कोई ज्यादा पैसों में खुश हो या ना हो लेकिन ये बात तो सच है कि कम पैसों में हम अधिकतर दुखी रहते हैं। हम कई परेशानियों का सामना करते हैं और हम पूरी लाइफ स्ट्रगल करते रहते हैं। यहां ये quote बिल्कुल फिट होता है कि ”money can’t buy happiness, But poverty can’t buy anything” author Grant Sabatier भी ये रियलाइज हुआ जब उन्होंने अपने कॉलेज फिनिश करने के बाद कई सालों तक अलग अलग जॉब करी लेकिन वो कुछ भी पैसा सेव नहीं कर पाए और जब author 24 साल के थे.

उन्हें एक और जॉब से निकाल दिया गया और बहुत ढूंढने के बाद भी उन्हें कहीं कोई और जॉब नहीं मिली। इतने सालों तक काम करने के बाद भी उनके अकाउंट में सिर्फ दो डॉलर से बचे थे जिसमें उन्हें सर्वाइव करना था जो प्रैक्टिकली इम्पॉसिबल था। इतना बड़ा फेल्योर देखने के बाद author ने डिसाइड किया कि अब वो अपनी लाइफ में फाइनैंशली कभी स्ट्रगल नहीं करेंगे जिसके लिए उन्होंने अपने लिए एक गोल सेट करें कि वो अपने लिए एक मिलियन डॉलर सेव करेंगे और जल्द से जल्द रिटायर होकर रहेंगे जिसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत करी।

~ Introduction:

कई बुक्स पढ़ी बहुत सेविंग्स करी उन पैसों को इन्वेस्ट करा और दो बिजनेस को भी लॉन्च किया और सिर्फ पांच साल बाद ही 30 की एज से पहले वो फाइनैंशली इंडिपेंडेंट भी बन गए author Grant Sabatier अपनी फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की जर्नी से बताते हैं कि फाइनैंशल इंडिपेंडेंस अचीव करने के लिए हमें 7 phases से गुजरना पड़ता है जिन्हें हम 7 steps में achieve कर सकते हैं और आज की article में हम आपके साथ Grant Sabatier की book Financial Freedom से इन 7 phases को शेयर करेंगे जिसमें आप सीखेंगे कि कैसे आप भी इन 7 phases को पास करके फाइनैंशली इंडिपेंडेंट हो सकते हो।

Financial Freedom

1. Clarity:

कई सारे लोग बिना किसी प्लैनिंग के अपने डे टू डे जॉब करते रहते हैं। अपनी सैलरी को महंगी से महंगी चीजें खरीदने में वेस्ट करते रह हैं और बहुत कम पैसा सेव करते हैं क्योंकि वो लोग कभी इस बारे में नहीं सोचते कि जब वो काम करने की हालत में नहीं होंगे और अपना टाइम बेचकर पैसा नहीं कमा पाएंगे तो वो सरवाइव कैसे करेंगे। इसीलिए इस स्टेज में आपको सबसे पहले ये देखना है कि आप अभी अपनी ड्रीम लाइफ से कितना दूर हों और फ्यूचर में रिटायर होने के लिए आपको कितने पैसों की जरूरत है। यहां आपको एक exact number decide करना है.

एक फिक्स amount जो आपको फाइनैंशली इंडिपेंडेंट होने के लिए चाहिए ताकि आपको अपनी पूरी लाइफ में कभी पैसे के लिए काम ना करना पड़े। अब ये नंबर आपकी करंट सिचुएशन पर डिपेंड करता है कि किस age में रिटायर होना चाहते हो और रिटायमेंट के बाद कैसी लाइफ जीना चाहते हो। ये नंबर आसानी से पता लगाने के लिए author कहते हैं कि आपको अपने annual expenses का 25 गुना कर देना है। जैसे कि आप एक साल का खर्चा करीब चार लाख है तो फाइनैंशली इंडिपेंडेंट होने के लिए आपके पास कम से कम 1 करोड़ रुपये होने चाहिएं। ये सिर्फ एक सिंपल एग्जांपल है। आप अपने अकॉर्डिंग कैलकुलेट करिए.

2. Self Sufficiency:

जब आप इतना पैसा कमाने लगते हैं कि आपको अपने डेली एक्सपेंसेज के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती। आप अपने पूरे महीने के खर्चों को बिना किसी से उधार लिए अच्छे से मैनेज करने लगते हो तो आप अपने फाइनैंशल के गोल से एक कदम और आगे बढ़ सकते हैं। फाइनैंशल इंडिपेंडेंस अचीव करने के दूसरे स्टेप में आपको ये पता करना कि आपकी करेंट फाइनैंशल कंडिशन कैसी है। आपकी टोटल नेटवर्थ क्या है आप अभी कितना पैसा कमा रहे हो और कितना खर्च कर रहे हैं। अगर आप लोन पे करते हैं तो आपकी सेविंग्स कितनी है।

आपको अपने इनवेस्टमेंट से कितना रिटर्न मिल रहा है। अपने सारे कैश फ्लो का पूरा हिसाब रखो और देखो कि आपके पास कितने ऐसेट्स और लायबिलिटी हैं। ऐसेट्स वो होते हैं जो आपको और पैसा कमा के दें और वही लायबिलिटी होती जो आपकी जेब से पैसा निकालें और कहते हैं कि आपको टाइम टू टाइम अपनी नेटवर्थ कैलकुलेट करते रहना चाहिए जो आपको यह याद दिलाता रहता है कि आप कहां stand करते हो। आप अपने goal के कितने पास आ चुके हो और आपको अभी कितनी दूर जाना है तो यहां author कह रहे कि आपको सबसे ज्यादा अपनी ओवरऑल नैटवर्क पर फोकस करना है।

3. Breathing Room:

इस phase में आने के बाद अब आपको सर्वाइव करने के लिए अपनी मंथली सैलरी पर डिपेंड रहने की जरूरत नहीं होती बल्कि आप अपने ऐसेट्स और इनवेस्टमेंट से इतनी इनकम जेनरेट कर लेते हो कि अगर आपकी मंथली सैलरी भी नहीं आए तब भी वो आपके सर्वाइवल को affect ना करें और आप अपने डेली एक्सपेंसेज को मैनेज कर पाएं। जब आप को ये पता चल जाए कि आपकी करेंट सिचुएशन क्या है.

आपको कहां तक जाना है तो बस बैग पैक करके अपने गोल अचीव करने के लिए ऐक्शन लेना शुरू करो. जिसमें सबसे पहले आपको अपने spending को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. क्योंकि जब आप पैसा धारण करते हो तो आप अपने टाइम का कुछ हिस्सा sale यानि के बेच रहे होते हो. जब आप अपने पैसे को कहीं स्पेंड करते हो तो आप इन डायरेक्टली अपने टाइम के बदले में उस सामान को खरीद रहे होते हो।

इसीलिए जब भी आप अपने पैसों को खर्च करें तो उससे पहले आपको खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए। क्या आपके पास इसे खरीदने के लिए पूरे पैसे हैं ये खरीदना आपके लिए कितना जरूरी है इसे खरीदने से आपकी लाइफ में क्या वैल्यू ऐड हो रही है इसे खरीदने के बदले आप अपनी लाइफ के कितने मिनट स्पेंड कर रहे हो। इसे खरीदने से आपको कितनी खुशी मिलेगी जब आप कुछ भी खरीदने से पहले खुद से सवाल करते हो तो आप अच्छे से डिसिजन ले पाते हों कि आपको अपनी मेहनत का पैसा अपना टाइम इस चीज में स्पेंड करना चाहिए या नहीं।

4. Stability:

जब आप इस फेज में एंटर होते हो तो आपके पास कोई लोन नहीं होता। कोई debts नहीं होता। किसी का उधार नहीं होता। आप फाइनैंशली इतने स्टेबल होते हो कि फाइनैंशली आपको किसी की हेल्प नहीं लेनी पड़ती क्योंकि आप हमेशा अपनी टोटल इनकम से। इस पेंट करते हो और साथ ही जब आपके पास इतने पैसे होते हैं कि अगर आपकी सारी इनकम बंद भी हो जाए तो भी आप बिना किसी परेशानी के आने वाले 6 महीनों के सारे खर्चे उठा पाएं।

तब आप इस स्टेबिलिटी फेज में आ जाते हो जिसे आप ये कह सकते हैं कि अब आप फाइनेंशियल स्टेबल हो अपनी स्पेंडिंग कंट्रोल करने के बाद हमें next step में अपनी सेविंग्स पर फोकस करना है। जनरली हमें सिखाया जाता है कि हर छोटी मोटी चीजों में जितना हो सके उतनी सेविंग्स करनी चाहिए। एक वेल प्लान्ड बजट को फॉलो करना चाहिए। Author कहते हैं कि हमें बजट बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे छोटे मोटे एक्सपेंसेज हमारी सेविंग्स को इतना फर्क नहीं करते जितना कि हमारे तीन सबसे बड़े एक्सपेंसेज। हमारी सबसे ज्यादा इनकम ले जाते हैं जो है हाउसिंग ट्रांसपोर्टेशन और फूड।

हमारे रहने के लिए घर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन और जिंदा रहने के लिए हम जो खाना खाते हैं इन तीन एक्सपेंसेज में हम अपनी इनकम का 20% तक सेव कर सकते हैं अगर हम चाहे तो एक्सपेंसिव घर की जगह आप एक नॉर्मल अफोर्डेबल घर में रह सकते हैं। फूड से वही खरीदें जो हो और सिर्फ एक जगह से दूसरे जगह पहुँचने के लिए आप एक अफोर्डेबल ऑप्शन भी चूज कर सकते हैं।

5. Flexibility:

फाइनेंशियली स्टेबल होने के बाद नेक्स्ट फेज आता है फ्लेक्सिबिलिटी। जब हम अपने 6 महीने के एक्सपेंसेज को बढ़ाकर अगले दो साल के डेली लिविंग एक्सपेंसेज जितना पैसा सेव कर लेते हैं तब हम फाइनैंशली फ्लेक्सिबल हो जाते हैं। यानी कि अब हमारे पास इतना पैसा है कि हम दो साल तक बिना पैसों की फिक्र करे आराम से अपनी जिंदगी जी सकते हैं। अपनी सारी स्पेंडिंग को कंट्रोल करने के बाद फाइनेंशल फ्रीडम अचीव करने के next step author कहते कि आपको 9 to 5 routine को हैक करना है.

जहां आपको अपने फुलटाइम वर्क जहां से आपकी मेजर इनकम आती है चाहे वो आपकी जॉब हो या बिजनेस अपने 9 to 5 routine को अपनी फ्रीडम के लांचिंग पैड की तरह यूज करना है। Author कहते हैं कि आपको अपने फुलटाइम जॉब को तब तक कोई नहीं करना चाहिए जब तक कि आपको अपनी साइड इनकम स्टीम से उससे बेटर results नहीं मिलने लगते क्योंकि ज्यादातर लोगों के फुल टाइम जॉब भी उनके इनकम में सबसे बड़ा रोल प्ले करती हैं और ऑथर कहते हैं कि आप अपने फुलटाइम वर्क को मैक्सिमम करना चाहिए ना कि मिनिमम।

अपनी सैलरी इंक्रीज करने पर फोकस करना चाहिए लेकिन सैलरी भी तभी इंक्रीज होगी अगर आप रियल डिजर्व करते हो और यह आप अपने साइड स्मॉल बिजनेस के लिए न्यू क्लाइंट्स लाने का ट्राय करो। आपको नया opportunities को ढूंढना चाहिए जिससे आप ज्यादा से ज्यादा earn कर सको। जिसे करने के लिए author एक फॉर्म्युला सजेस्ट करते हैं। Skills + network = More Money हमें अपनी स्किल्स को इम्प्रूव करते हुए नए नए लोगों से कॉन्टैक्ट डवलप करने चाहिएं जो हमें ज्यादा पैसे अर्न करने के लिए अट्रैक्ट करेगा।

6. Financial Freedom:

फाइनेंशियल फ्रीडम के फेज में पहुँचने के बाद आप अपनी पूरी लाइफ चाहो तो बिना कोई काम करे आराम से जी सकते हो जहां आपकी इनकम अब आपके टाइम के बदले आपको नहीं मिलती बल्कि आपकी सालों के मेहनत से करी investments अब आपको लाइफटाइम इनकम जेनरेट करके देती रहती है तो इस फेज तक पहुँचने के लिए आपको next step जिसे author कहते हैं enterprise mindset.

आपको एक ऐसा माइंडसेट डेवलप करना चाहिए जहां अब आप पैसा कमाने और सेव करने के नए तरीके ढूंढ पाए जिससे आप अपनी इनकम इनक्रीज कर सको और जिससे आप अपनी सेविंग रेट को भी पहले से और ज्यादा इंक्रीज कर सको. अपने सेविंग्स रेट को इनक्रीज करने के लिए author एक ट्रिक बताते हैं कि अब हमें अपने एक्सपेंसेज को कम करके सिर्फ सेविंग्स करने के बजाय अपना ज्यादा फोकस अपनी इनकम को इंक्रीज करने पर लगाना चाहिए.

इस बात से टोटली एग्री करते हैं कि हमें सेविंग्स तो करनी चाहिए लेकिन उससे कई गुना ज्यादा हमें अपनी इनकम और इनकम स्टेप्स को और ज्यादा बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए क्योंकि जो भी सच में फाइनैंशली फ्री बने हैं वो सिर्फ अपनी सेविंग्स की वजह से नहीं बल्कि अपनी हाई इनकम और मल्टीपल इनकम स्कीम्स की वजह से बने हैं।

7. Abundant Wealth:

Financially independent बनने का मतलब author बताते हैं कि जब आप पैसों से ज्यादा अपने टाइम को वैल्यू देने लगते हो और जब आप इस बात को समझ जाते हैं कि “Money is unlimited but our time is limited. Don’t waste time” तब आप रियल में फ्रीडम पा लेते हो। ये फेज आपको फाइनेंशियल फ्रीडम के भी एक लेवल ऊपर ले जाता है। जब आपके पास आपकी जरूरतों से भी कई गुना ज्यादा पैसों का एक्सेस होता है यहां आप बिना कोई काम करे भी अपने डेली एक्सपेंसेज को बढ़ा सकते हो।

बिना ज्यादा फिकर करें जो चाहे खरीद सकते हो जहां आप अपनी फाइनेंशियल लिमिट्स को पुश कर सकते हो. एक लग्जरी लाइफ जी सकते हो और इन सेवेन फेसेज को अचीव करने का लास्ट स्टेप है। “Invest as early as you can” author कहते हैं फाइनैंशली वेल्थ बनने का अगर कोई सीक्रेट है तो वह के जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी इनवेस्ट करना स्टार्ट करो इनवेस्टिंग के रीयल पावर ऑथर ये बताते हैं कि बिना कोई मेहनत करे आपका पैसा मल्टिपल होता रहता है जिसका रीजन है कंपाउंडिंग जिसके अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है कि compounding is the 8th wonder of the world जो कि बिल्कुल सच है.