Catherine Zuckerman national geography की सिरीज़ ब्रेन वन ओवन में रिपोर्ट क्या के ह्यूमन ब्रेन पूरे ब्रह्माण्ड याने के यूनिवर्स से किसी भी नोन स्ट्रक्चर से काफी ज्यादा कॉम्प्लेक्स है और हमारा Brain Facts को समझना या इसके डिफरेंट पार्ट्स के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि human brain responsible हमारी बॉडी के हर एक फंक्शन के लिए अब चाहे हम ह्यूमन इस प्लैनेट पे सबसे ज्यादा बड़े और ताकतवर स्पीशीज ना हो.
लेकिन हमारा ब्रेन हमें इस प्लैनेट अर्थ के सबसे ज्यादा होशियार स्पीशीज होने का दर्जा दिलाता है जो कुछ भी कर सकता है सोच के परे। तभी हम जमीन पर भी मौजूद हैं जमीन के अंदर भी हवा में भी और पानी में भी। एक वेल और एक ह्यूमन ब्रेन के साइज में इतना बड़ा डिफरेंस होता है लेकिन आपको पता यह है कि आखिर ज्यादा स्मार्ट कौन है. ह्यूमन ब्रेन से जुड़े कुछ लेटेस्ट अमेजिंग और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स इन बातें हम आप के साथ शेयर कर रहे ताकि आप भी ह्यूमन ब्रेन को अच्छे से समझ पाएं।
1. Human Brains are Shrinking:
ह्यूमन ब्रेन असल में काफी बड़ा होता जिसका weight लगभग 1.5 kilograms तक का होता है और ये हमारे स्कल यानि कि cranium का 80% हिस्सा ocupy करता है और बाकी ब्लड और बाकि cerebrospinal fluid and blood. लेकिन डॉक्टर्स एंड रिसर्चर्स ने पाया कि हम ह्यूमन का ब्रेन वक्त के साथ shrink होता जा रहा है। यानि कि ह्युमन ब्रेन वक्त के साथ ओवरऑल साइज में सिकुड़ता जा रहा है। या आप कह सकते हैं कि साइज में कम हो रहा है.
क्योंकि यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन के एंथ्रोपोलॉजी John Hawks ने बताया कि अगर देखा जाए तो past के अकॉर्डिंग ह्यूमन का ब्रेन साइज 10% कम हुआ है लेकिन इसका हमारे intelact से कुछ लेना देना नहीं है। ऐसा माना जाता है कि हमारा ब्रेन साइज इसलिए कम हो रहा है कि हमारा skull साइज छोटा होता जा रहा है जबकि असल में ऐसा इसलिए हो रहा है क्योकि हमारे जॉस का साइज का होता जा रहा है. Because of less chew diet यानि की कम चबाए जाने वाली डायट की वजह से तो हमारा ब्रेन साइज कम तो हो रहा है लेकिन उसके पावर्स नहीं.
2. Our Brains are Flexible:
कहा जाता है कि उम्र बढने के साथ हमारे सोचने समझने और याद रखने की क्षमता कम होती जाती है लेकिन रिसर्च के बाद पता चला कि ये बात पूरी तरह सच नहीं है जबकि अकॉर्डिंग टु फैक्ट्स ह्यूमन ब्रेन तब ज्यादा फ्लेक्सिबल होता है जब हम यंग होते हैं लेकिन हमारे ऐटिट्यूड में भी चेंजेस होते हैं कि हम अपनी सोच या ब्रेन को फ्लेक्सिबल बना सकें या कि इम्प्रूवमेंट हो सकते हैं। Adults की neuroplasticity में साइंटिस्ट्स ने observe यहां के बैटर इमेजिंग टेस्टिंग से ब्रेन सेल्स फ्लोरोसेंट होके न्यू इन्फॉर्मेशन को ज्यादा अच्छे से प्रोसेस कर पा रहे थे और एडल्ट प्लास्टिक सिटी होते थे planning, memory formation, trauma or experiences से.
3. Difference Between Male and Female Brains:
अच्छा आपको क्या लगता है कि मेल और फीमेल का ब्रेन एक दूसरे से काफी डिफरेंट प्वाइंट होता है। Diane F. Halpern जो जोकि स्पेशलाइज्ड कॉग्निटिव डिफरेंसेज between मेल्स एंड फीमेल्स में उनके अकॉर्डिंग मैन के पास वाल्यूम वाइज थोड़ा बड़ा पेन होता है और वही विमेन के cortices thicker हैं और Diane F. Halpern अपनी रिसर्च में पाया कि विमन वर्बल और राइटिंग एबिलिटी में ज्यादा पसंद करती हैं और वही मैन जनरली प्रॉब्लम सॉल्विंग में अच्छे होते हैं। ऐसे ही काफी इम्पॉर्टेंट डिफरेंसेज का शिकार Diane F. Halpern ने अपनी बुक में किया है.
4. Your IQ is Up To You:
लोग डिफरेंट आईक्यू लेवल के साथ पैदा होते हैं लेकिन इंट्रस्टिंग बात ये है कि आप इसे बढ़ा भी सकते हैं। अगर आप अभी हमारी article पढ़ रहे हो तो it means के आपका आईक्यू लेवल भले ही अच्छा है लेकिन अगर किसी को लगता कि वो dumb या idiot है तो वो खुद को एजुकेट करके फ्यूचर में dumb बने रहने से बच सकता है। Sandra Bond Chapman द फाउंडर chef डायरेक्टर और सेंटर फॉर बेन है ऐट द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस कहती हैं.
हमें लगता था कि जो स्मार्ट होता है वो हमेशा स्मार्ट होगा and visa versa लेकिन अब हमें पता चल चुका है कि ये गलत है. Sandra Bond Chapman का कहना है कि जरूरी नहीं है कि जो एक बार स्मार्ट रहा हो वो हमेशा स्मार्ट ही smart act करेगा बल्कि वो भी वक्त के साथ dumb हो सकता है या बाद लर्निंग एजुकेशन इसके एस एन प्रैक्टिस से एक dumb person भी अपने आईक्यू का लेवल बढ़ा के पहले से ज्यादा स्मार्ट हो सकता है।
5. You are Brain-Washed:
Cerebrospinal Fluid ये एक ऐसा फ्लैट है जो आपके ब्रेन को प्रकट करता है और आपके ब्रेन से टॉक्सिन्स को खतम करता है। बॉस्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च की जिसमें उन्होंने 13 यंग और हेल्दी लोगों को सोते हुए ऑब्जर्व किया और फिर रिसर्चर्स ने जाना कि हमारा ब्रेन हर 20 सैकेंड में fluid waves create करता है जो कि बेसिकली ह्यूमन ब्रेन को एक तरह से क्लीन और वॉश करता है हमारे सोने से पहले और जो कि हमारे ब्रेन के लिए बहुत जरूरी है। यानि कि हमारा ब्रेन इतना स्मार्ट होता कि उसे अपने आप को कैसे वॉश करना है ये भी पता होता है ताकि टॉक्सिन्स खत्म हो सकें।
6. Games Make You Smarter:
क्या आपको पता है कि वीडियो गेम्स खेलना हमारी कॉग्निटिव स्किल्स को बेहतर बना सकता है तो वर्क के स्टडी के बीच के रास्ते में कुछ देर कोई चैलेंजिंग गेम खेलना आपके लिए सही है। हेल्दी गेम्स डॉट जीजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि विडियो गेम्स हमारा अटेंशन स्पैन इंक्रीज करता है। हमारे डिसिजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग को बेहतर करता है कॉम्पिटिटिव एनवायरमेंट में और साथ ही ये मेमरी और लर्निंग को भी बेहतर करता है। विडियो गेम्स इम्प्रूव करते हैं कॉग्निटिव एबिलिटी को जो सोसायटी में वैल्यू करती हैं. ये रिसर्च create करी गई थी Green & Bavelier के द्वारा.
7. Brain Facts it is Distant Memory:
क्या आपने कभी कोई ऐसे event को याद करने की कोशिश की है जहां और भी लोग थे लेकिन उनकी याद में वो इवेंट्स में चीजें अलग हुई होती थीं और आपके अकॉर्डिंग अलग। आप सोचते हो कि या तो मैं पागल हो गया हूं या फिर ये है। पिन पॉइंट करके ये नहीं बता सकते कि असल में मैमरी कैसे वर्क करती है लेकिन Andre Fenton जो कि एक न्यूरोसाइंटिस्ट सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में उनका कहना कि हमारी मेमरी एक क्ले पर लिखने की तरह है जो बिगड़ जाती है।
कभी फेड हो जाती है या कभी एक अलग आकार ले लेती है जो कि अक्सर इवेंट्स और घटनाओं की हकीकत को भी बदल देती है। साथ ही Andre कहते हैं हमारे ब्रेन में होने वाले कोई बायोकेमिकल प्रोसेसर्स हमारी मेमरी को याद रखने के तरीके तक को चेंज कर सकते हैं.
8. You are Officially all Grown:
बस जब आपको लगे कि आपको जितना लंबा होना था आप हो चुके हो। आपका शू साइज भी अब लाइफटाइम नहीं रहेगा। आपको जितना ग्रो होना था आप हो चुके हो तो आप हमारी ये बात याद रखना कि आपकी बॉडी के कुछ पार्ट्स अभी भी ग्रो कर रहे हैं। नहीं हमारा मतलब आपका बैली फैट नहीं है बल्कि हमारा मतलब मैं आपका ब्रेन. क्योंकि Dr. Tarawneh ने जो कि न्यूरोलॉजी में स्पेशलाइज्ड हैं उनके अकॉर्डिंग हमारा ब्रेन 25 age पूरी तरह डेवलप होता है.
जो पार्ट लास्ट में पूरी तरह डवलप होता है वो है हमारा prefrontal cortex और main part जिसकी मदद से हम judgement, problem solving, decision making, complex planning, organized thinking, personality development and impulse control कर पाते हैं.
9. Music is Therapy:
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों म्यूजिक हमें हैप्पी फील करवाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम क्या सुनते हैं और हमारे brain and reward circuit आपस में लिंक होता है। न्यूरोसाइंटिस्ट Robert Zatoree एक्सप्लेन करते हैं। प्लीज लेबल म्यूजिक हमारे ब्रेन के लंबे और पैरालिम्पिक एरियाज को एक्टिवेट कर देता है जो कि कनेक्टेड है यूज़र रिवॉर्ड रेस्पॉन्स से जैसे कि अच्छा खाना, एक्सरसाइज़, डांसिंग। तो अगर आपको लगता है कि आपको किसी चीज का अडिक्शन बनना चाहिए तो pop music का बनें.
10. Changes in our Brain can Lead to Mental Health Problems:
द नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ उन फैक्ट्स पर रिसर्च कर रहे हैं जो हमारे ब्रेन स्ट्रक्चर और मेंटल इलनेस से लिंक्ड हैं। उनका मानना है कि स्ट्रेस और एनवायरमेंट बड़े मेंटल हेल्थ इश्यूज क्रिएट कर सकता है। तो अगर अभी आप भी स्ट्रेस हो या depressing टाइम से गुजर रहे हैं तो किसी थैरेपिस्ट के साथ एक सेशन बुक करना बुरा आइडिया नहीं होगा। या फिर आप सुपर स्ट्रेस्ड या डिप्रेस्ड फील नहीं कर रहे.
सिर्फ एक माइल्ड इरिटेशन और एंग्जाइटी एक्सपीरिएंस कर रहे तो ये कभी भी आउट ऑफ कंट्रोल जा सकती है तो एक थैरेपिस्ट के साथ सेक्शन चीजों को पर्सपेक्टिव को और आपकी ओवरऑल मेंटल हेल्थ को और आपको बेहतर एवं हेल्दी बना सकता है। हर कोई सेशन अफोर्ड नहीं कर सकता लेकिन आप उन लोगों से डिस्कस जरूर कर सकते हैं जिन्हें आप ट्रस्ट करते हो लेकिन family friends, partner और someone else.
11. You can Survive the Tough Time:
न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि हमारा ब्रेन कोरोना वायरस के आने से पिछले एक साल से डेढ़ साल में काफी change हुआ है even चाहे आप इस वायरस के कॉन्टैक्ट में आए हों या नहीं. Lockdown के आइसोलेशन ने आपके ब्रेन को फिजियो लॉजिकल और साइकोलॉजिकल लेवल पर काफी चेंज किया है। लेकिन पैनिक करने की कोई बात नहीं है। आप अपने ब्रेन को रीस्ट्रक्चर करके टाइम को अच्छे से हैंडल कर सकते हो।
बस आपको ये कुछ चीजें करनी हैं प्रेजेंट मोमेंट में जिओ कुछ नया ट्राय करें। हो सके तो थोड़ी खुली हवा या नेचर को एक्सपीरियंस करो. आपका टैरेस या बालकनी अपनी चिंताओं के बारे में सोचो और उन्हें आप कैसे ठीक कर सकते हैं वो सोचो एक्ससाइज करो या फिर कुछ new read करो. अगर आप चाहे तो Dr. Caroline Leaf की बुक Switch on Your Brain भी पढ़ सकते हैं।