दुनिया के मिस्टीरियस जगहों की जब बात होती है तो उसमें Bermuda triangle का नाम सबसे ऊपर आता है क्योंकि अटलांटिक महासागर के पश्चिम भाग में मौजूद यह रहस्यमय जगह अब तक न जाने कितने ships और planes का कब्रिस्तान बन चुकी है। आप लोगों ने भी इससे जुड़ी हुई बहुत सी अजीब और मिस्टीरियस कहानियां सुनी होंगी।

हालांकि आज हम आपको Bermuda triangle के बारे में तो नहीं लेकिन उसके जैसी एक दूसरी रहस्यमय जगह के बारे में बताने वाले हैं जोकि कहीं और नहीं बल्कि हमारे अपने देश भारत में ही Amarda Road Airstrip मौजूद है। यह जगह भी Bermuda triangle की तरह ही बेहद खतरनाक और मिस्टीरियस है जिसके चलते इसको भारत का Bermuda triangle भी कहा जाता है।

तो चलिए अब इस article को शुरू करते हैं और जानते हैं इस जगह से जुड़े हुए रहस्यों के बारे में। भारत का Bermuda triangle कहलाए जाने वाली इस जगह का नाम Amarda Road Airstrip है जोकि ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले में आनेवाले रास गोविन्दपुर नाम के एक गांव के पास स्थित है। यह एक ऐसा zone है जिसके बारे में बहुत ज्यादा चर्चा कभी भी नहीं की गयी है। इस रहस्यमय जगह पर पिछले 77 सालों में बहुत सारे विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर क्रैश हो चुके हैं और इन सभी दुर्घटनाओं में बहुत सारे लोगों की जान भी जा चुकी है।

लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद भी इस जगह की कभी भी ठीक ढंग से जांच तक नहीं की गयी जिसके चलते यहां होने वाली इन दुर्घटनाओं का असल कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस एयरफील्ड के tringle shape peardoba, chakulia और amara नाम की जगहों को आपस में मिलाकर बनती है. यहां पर हुई कई सारी विमान दुर्घटनाओं की वजह से इस जगह को बेहद खतरनाक माना जाता है. यही वजह है कि आज कोई भी विमान इस एयरफील्ड के ऊपर से गुजरने की हिम्मत तक नहीं कर पाता। हालांकि यहां होनेवाली इन रहस्यमय घटनाओं के कारण को जानने से पहले चलिए हम आपको इस जगह के इतिहास के बारे में थोड़ा बताते हैं।

Amarda Road Airstrip

1. History:

लगभग 800 एकड़ में फैला हुआ यह विशाल एयरसेल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1940 में बनाया गया था। विश्व युद्ध के दौरान जापान से मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सेना के लड़ाकू विमान इसी एयर स्ट्रिप से ही उड़ान भरा करते थे जिसके कारण उस समय यह airfield एक बैटल हब बन गया था लेकिन फिर युद्ध खत्म होने के बाद से इसको फिर कभी भी इस्तमाल नहीं किया गया। यहां तक कि भारत ने आजाद होने के बाद भी कभी भी इसको यूज करने के बारे में नहीं सोचा और यह पिछले 75 सालों से इसी तरह से वीरान पड़ा हुआ है।

दरअसल इस एयरफील्ड को इस्तमाल न किये जाने का मुख्य कारण वही रहस्यमय प्लेन हाथ से है जोकि वर्ल्ड वार टू के दौरान यहां हुए थे वो प्लेन हादसे इतने अजीब थे कि लोगों के दिलों में इस जगह को लेकर एक खौफ पैदा हो गया। बताया जाता है कि इस जगह पर पहला प्लेन हादसा 4 मई 1944 के दिन हुआ था जिसमें की एक अमेरिकन लेब्राडोर लड़ाकू विमान एक कैनेडियन लड़ाकू विमान से जा टकराया था. टकराव की वजह से ये प्लेन अमारा एयरफील्ड में ही क्रैश हो गया जिससे के चार लोगों की मौत हो गई थी।

ये प्लेन हादसा काफी अजीब था क्योंकि दो जहाजों का इस तरह आपस में टकरा जाना बहुत ही ज्यादा दुर्लभ होता है. लेकिन चूंकि यह यहां पर होने वाली पहली दुर्घटना थी इसीलिए किसी ने भी इस पर ज्यादा गौर नहीं किया। हालांकि इसके बाद से दूसरा प्लेन हादसा इसी पहली घटना के ही तीन दिन बाद यानि के 7 मई 1944 के दिन हुआ था। इस हादसे में एक अमेरिकी लड़ाकू विमान टेकऑफ करने के बीस मिनट बाद ही बिना किसी तकनीकी खराबी के ही अपने आप क्रैश हो गया था.

इस क्रैश में दस लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से 13 मई 1944, 26 जुलाई 1945 और इसी तरह से कुछ सालों के गैप में यह बजे प्लेन हादसे में होती रही। हालांकि इस जगह पर कुल कितने प्लेन हादसे हुए इसकी सही जानकारी किसी के पास नहीं है क्योंकि युद्ध के दौरान बहुत से ऑपरेशन सीक्रेट भी हुआ करते थे और उन सीक्रेट मिशन की वजह से ही मिलिट्री के द्वारा इस जगह से जुड़ी ज्यादा जानकारी को पब्लिक नहीं किया गया है।

2. Amarda Road Airstrip Last Accident:

वैसे आगे इस article में हम जानने वाले हैं कि आखिर इस टाइम सबसे ताजा हादसा यहां पर कब हुआ और इन हादसों की वजह लोग किसको मानते हैं। आज की अगर बात करें तो ट्राएंगल में सबसे ताजा हादसा 20 मार्च 2018 के दिन घटित हुआ था और इस घटना में एक प्लेन अचानक से ही बेकाबू होकर जमीन पर क्रैश हो गया था। हालांकि पायलट ने समय रहते ही पायलट सीट को एक कर दिया था जिसके चलते उसकी जान तो बच गई। लेकिन ये प्लेन क्रैश कैसे और क्यों हुआ इसकी जानकारी उस पायलट समेत किसी भी व्यक्ति के पास नहीं थी।

पायलट ने बचने के बाद से इस क्रैश से जुड़ी हुई कई सारे चौंकाने वाली चीजों का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि अमारा एयरफील्ड में घुसते ही अचानक से उसके प्लेन का संतुलन पूरी तरह से हो गया। उस पायलेट ने बताया कि प्लेन किसी भी तरह की खराबी के होने का कोई भी संकेत नहीं दे रहा था। इसके बावजूद प्लेन अपने आप ही नीचे की तरफ गिरने लगा मानो कि कोई सुपर पावर एक्टिव हो गया हो।

अब इस जगह पर प्लेन्स का आपस में टकराना और बिना किसी खराबी के अचानक से क्रैश हो जाना लोगों के मन में बहुत से सवाल खड़े करता है. यही चीज इस जगह को इतना ज्यादा रहस्यमय बनाती है। बताया जाता है कि यहां हुए ज्यादातर प्लेन हादसे normal weather condition के दौरान ही हुए थे यानि इन हादसों के होने के पीछे मौसम के खराब होने का कोई भी हाथ नहीं। अब सवाल उठता है कि आखिर जब सब कुछ नॉर्मल है तो फिर इस जगह पर इतने सारे प्लेन हादसे हुए क्यों।

दरअसल इसके बारे में एक theory यह भी है कि इन हादसों के होने के पीछे यूरेनियम भी एक वजह हो सकता है। दरअसल Amarda Road Airstrip ट्राएंगल के चाकुलिया वाले पॉइंट से लगभग 53 किलोमीटर की दूरी पर यूरेनियम माइन भी है। अब आप सोच रहे होंगे कि यूरेनियम माइन का प्लेन के क्रैश होने के साथ भला क्या कनेक्शन हो सकता है।

3. Amarda Road Airstrip Conclusion:

असल में 200 यूरेनियम एक रेडियोएक्टिव केमिकल एलिमेंट होता है जिसका इस्तेमाल न्यूक्लियर पावर प्लांट में किया जाता है और बताया जाता है कि जब ये एलिमेंट आस पास होता है तो फिर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस ठीक ढंग से काम नहीं करतीं। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जाता है कि शायद इस यूरेनियम माइन की वजह से ही प्लेन के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस काम करना बंद कर देती होंगी जिसके चलते ये प्लेन हादसे होते होंगे। हालांकि ये लोगों के द्वारा बनाई गई सिर्फ एक theory है।

इसके सच होने का कोई भी सबूत किसी भी व्यक्ति के पास नहीं है। इसीलिए Amarda Road Airstrip हादसों के होने के पीछे यूरेनियम को निश्चित रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। वैसे सही मायनों में अगर देखें तो इन प्लेन्स के क्रैश होने का असल कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. Amarda Road Airstrip सभी हादसों की वजह से ही ये जगह अब दुनिया का एक अनसुलझा रहस्य बन कर रह गई है। तो दोस्तो ये थी जानकारी भारत के Bermuda triangle कहे जाने वाले Amarda Road Airstrip की।